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राहुल गांधी ने अब किया बस से सफर, जाना ड्राइवर-कंडक्टर का दुख-दर्द, जानकर क्या बोले?

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Sep 2, 2024

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस में अपनी यात्रा का एक वीडियो साझा किया है. राहुल गांधी ने बस कंडक्टर, ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों की समस्या सुनी. इस दौरान उन्होंने कहा, 'ड्राइवर और कंडक्टर अनिश्चितता के अंधेरे में जीने को मजबूर हैं. यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगातार तैनात रहने वाले होम गार्ड पिछले 6 महीने से बिना वेतन के हैं.'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया वीडियो

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, 'कुछ दिन पहले मैंने दिल्ली में बस से यात्रा की. मैंने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कर्मचारियों से बातचीत की और उनकी दिनचर्या और समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की. कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं, कोई स्थिर आय नहीं, कोई स्थायी नौकरी नहीं. कॉन्ट्रैक्ट लेबर ने एक बड़ी देनदारी कम कर दी है और इसे अनिवार्य बना दिया है. ड्राइवर और कंडक्टर अनिश्चितता के अंधेरे में रहने को मजबूर हैं और यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगातार तैनात किए गए होम गार्डों को पिछले छह महीने से भुगतान नहीं किया गया है.'

उन्होंने लिखा, 'देश भर के सरकारी कर्मचारियों की तरह डीटीसी कर्मचारी भी निजीकरण के लगातार खतरे में जी रहे हैं. ये वो लोग हैं जो भारत को चलाते हैं. वे हर दिन लाखों यात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाते हैं. लेकिन उनके समर्पण के बदले में उन्हें अन्याय के अलावा कुछ नहीं मिला. मांगें स्पष्ट हैं- समान काम, समान वेतन, पूर्ण न्याय.'

डीटीसी के एक कर्मचारी ने अपना दुख व्यक्त किया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी से बात करते हुए डीटीसी कर्मचारी ने कहा, 'हमें प्रतिदिन लगभग 816 रुपये मिलते हैं. इसमें पीएफ समेत अन्य कटौतियां शामिल हैं. हमें पूरे महीने आराम नहीं मिलता. त्योहारों पर भी छुट्टी नहीं मिलती. अगर हम कोई छुट्टी लेते हैं तो पैसे काट लिए जाते हैं.'

बस ड्राइवर ने कहा, 'हमारी सैलरी किलोमीटर के हिसाब से तय होती है. 8 घंटे काम करना पड़ता है. इसमें एक या दो घंटे अधिक लग सकते हैं.'

राहुल गांधी ने पूछा कि हम आपकी कैसे मदद कर सकते हैं? इस पर डीटीसी कर्मचारी ने कहा, 'हमें 5 महीने से सैलरी नहीं मिल रही है. घर का किराया कैसे चुकाएं और परिवार का भरण-पोषण कैसे करें? बच्चे पढ़ नहीं पाते. बस भी ठीक से नहीं चलती. राज्य सरकार कहती है कि यह केंद्र सरकार है और केंद्र सरकार इसे राज्य का मामला बता कर पल्ला झाड़ लेती है. फंड नहीं देने का बहाना बनाता है. अब हमें दो महीने और इंतजार करने को कहा गया है. हमारे साथ इसी तरह का व्यवहार किया गया है और अब नए रंगरूटों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा.'

Report By:
Devashish Upadhyay.