Mar 18, 2024
HIGHLIGHTS
- भारत में अल्पसंख्यक शब्द पुनर्परिभाषित होना चाहिए- दत्तात्रेय
- संघ शुरू से अल्पसंख्यकवाद का करता रहा है विरोध- दत्तात्रेय
Swaraj News - नागपुर में रविवार को हुई बैठक में RSS के "सरकार्यवाह" फिर से दत्तात्रेय होसबोले चुन लिए गए। लगातार दूसरी बार वे इस पद के लिए चुने गए हैं। नागपुर संघ कार्यालय परिसर में चल रही प्रतिनिधि सभा की 3 दिवसीय बैठक के अंतिम दिन रविवार को सर्वसम्मति से उनका चुनाव किया गया।
कौन हैं दत्तात्रेय होसबोले -
दत्तात्रेय होसबोले मूलत: कर्नाटक के रहने वाले हैं। वे लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP ) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रह चुके हैं । उसके बाद वे संघ के बौद्धिक प्रमुख बनें। फिर सह सरकार्यवाह का दायित्व मिला। अभी उनका वर्तमान केंद्र लखनऊ है। वहीं से वे पूरे देश का प्रवास करते हैं।दत्तात्रेय होसबोले 68 वर्ष के हो चुके हैं दत्तात्रेय होसबोले 1973 में आरएसएस के संपर्क में आए थे दत्तात्रेय होसबोले संघ के ऐसे तेजतर्रार प्रचारक हैं, जो कन्नड़, तमिल, हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में धाराप्रवाह बोलते हैं आरएसएस में लोग उनका पूरा नाम लेने की जगह आदरपूर्वक ‘दत्ताजी’ कहकर ही पुकारते हैं।
14 माह तक जेल में रहे-
दत्तात्रेय होसबाले 1975-77 के जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे और करीब ढाई साल तक 'मीसा' के तहत जेल में रहे। जेल में होसबले ने दो हस्तलिखित पुस्तिकाओं का संपादन भी किया। जिनमें से एक कन्नड़ भाषा का मासिक 'असीमा' था।
संघ के चुनाव हर 6 साल में होते हैं -
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में हर तीन साल में चुनाव होते हैं. जिसमें जिला संघचालक, विभाग संघचालक, प्रांत संघचालक, क्षेत्र संघचालक समेत सरकार्यवाह का चुनाव होता है. फिर ये लोग अपनी टीम की घोषणा करते हैं, जो अगले तीन साल तक काम करती है. बीच-बीच में आवश्यकतानुसार कुछ पदों में बदलाव भी होते रहते हैं। प्रतिनिधि सभा की बैठक में क्षेत्र प्रचारकों एवं प्रांतीय प्रचारकों के दायित्वों में परिवर्तन भी होता है। प्रतिनिधि सभा संघ की निर्णय लेने वाली संस्था है।
RSS की नई कार्यकारिणी में चुने जाने के बाद सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने 2024-27 के लिए 6 सह सरकार्यवाह नियुक्त किये इनके नाम हैं....
1. कृष्ण गोपाल
2, मुकुंद
3. अरुण कुमार
4. रामदत्त चक्रधर
5. अतुल लिमये
6. आलोक कुमार
