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10 दिन तक मनाया जाने वाला जगन्नाथ रथ उत्सव आज से शुरू

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Jul 4, 2019

ओडिशा की तीर्थ नगरी पुरी में आज से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हो चुकी है। जानकारी के लिए बता दें कि यहां जगन्नाथ रथ उत्सव 10 दिन तक मनाया जाता है, जिसमें लाखों श्रध्दालु आते हैं। इस रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ का ही नहीं बल्कि तीनों भाई-बहन के रथों के रंग अलग होते हैं। आज आपको इसी से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। इसकी खास बात यह है कि रंग के साथ इनके नाम भी अलग-अलग होते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ को 'गरुड़ध्वज' या 'कपिलध्वज' कहा जाता है। तीनों रथों में ये सबसे बड़ा रथ होता है। इस रथ में कुल 16 पहिए लगे होते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई 13।5 मीटर होती है। इस रथ में लाल और पीले रंग के कपड़े का इस्तेमाल होता है।

भगवान जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी 7 अद्भुत बातें

पहली बात, जगन्नाथ पुरी में किसी भी स्थान से आप मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे तो वह आपको सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा। दूसरी बात, मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। तीसरी बात, इस मंदिर का रसोईघर दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर है। चौथीं बात, प्रतिदिन सायंकाल मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज को मानव द्वारा उल्टा चढ़कर बदला जाता है। पांचवीं बात, मंदिर के सिंहद्वार में पहला कदम रखते ही मंदिर के भीतर किसी भी भक्त को सागर द्वारा निर्मित ध्वनि नहीं सुनाई देती, लेकिन जैसे ही आप मंदिर से बाहर एक भी कदम रखते हैं, आप इस आवाज को सुन पाएंगे। छठवीं बात, जगन्नाथ पुरी के रसोईघर में भगवान जगन्नाथ को चढ़ाए जाने वाले महाप्रसाद को बनाने के लिए 500 रसोइए और उनके 300 सहायक-सहयोगी एक साथ काम करते हैं। यहां सारा प्रसाद मिट्टी के बर्तनों में ही पकाया जाता है। सातवीं हैरानी की बात यह है कि इस मंदिर के ऊपर से कभी भी आप किसी पक्षी या विमान को उड़ते हुए नहीं देखेंगे।