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आज कत्ल की रात, पूरे शहर में निकाले जायेंगे ताजिया...

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Sep 9, 2019

पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में शहर में निकाले जाने वाले ताजियों को सजाने का काम हर इमाम बाड़े में युद्ध स्तर पर चल रहा है। ताजियों को बनाने के लिए उस्ताद, कारीगर एवं मौहल्ले के सभी छोटे-बड़े अपने ताजियों को पूरा करने में रात-दिन जुटे हैं।

शहर ढोल नगाड़ों से गूंजेगा 
आज की रात कत्ल की रात है, जिसमें शहरभर के छोटे-बड़े सभी ताजिए अपने-अपने मौहल्लों में गश्त करने के बाद देर रात तक बड़ी चैपड़ जमा होंगे। आज की रात पूरे शहर का दिल ढोल-ताशों की मातमी धुनों से धड़कता रहेगा। मार्ग में कई स्थानों पर विभिन्न सामाजिक संस्थाएं ताजियों की बैठक कराएगी और ताजियों की बेहतरीन कला एवं ढोल-ताशा वादकों को इनामात देंगी। हर मार्ग पर पीने के पानी व शर्बत की छबीलें सजाई गई है। हर शख्स को पानी व शर्बत पिलाया जाएगा।

कई अखाड़े जंगी करतबों का करेंगेे प्रदर्शन 
बड़ी चैपड़ पर शहर के कई अखाड़े जंगी करतबों का प्रदर्शन करेंगे। पौ फटते ही सभी ताजिए अपने-अपने मुकाम के लिए लौटना शुरू होंगे। मोहर्रम की 10 तारीख यानि मंगलवार को सभी ताजिए बड़ी चैपड़ होते हुए रामगढ़ रोड स्थित कर्बला पहुंचेंगे, जहां देर रात उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया जाएगा। शहर में वैसे तो छोटे-बड़े करीब 250 से 300 ताजिए निकाले जाएंगे, मगर इनमें चार सोने-चांदी के होंगे, जिनमें एक जयपुर राजघराने का गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक के रूप में भी ताजिया निकाला जाता है।

मौहल्ले के सभी लोग सजाते हैं ताजिया
इसके अलावा करीब एक दर्जन बड़े ताजिए होंगे, जिनमें अभ्रक और थरमाकोल से बने होंगे। इसके साथ कुछ जरी, शूल के भी होंगे। बड़े ताजियों जिनमें मौहल्ला पन्नीगरान, हांडीपुरा, नीलगरान, नला नीलगरान, नालबंदान, बांसबदनपुरा, गुलजार मस्जिद, तवायफान चांदपोल बाजार, भट्टा बस्ती, मौहल्ला खुमरान, चीनी की बुर्ज, मौहल्ला फर्राशान, मौहल्ला सिरकीगरान, मौहल्ला कुरैशियान एम डी रोड के होंगे। ये सब बड़े ताजियों का निमार्ण कार्य पूरे साल चलता है, लेकिन फिर भी अंतिम दिनों में मौहल्ले के सभी लोग उनको सजाने में रात-दिन जुटे हुए हैं।