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ओलम्पिक स्थगित होने से नरसिंह के लिए खुला रास्ता

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Mar 27, 2020

डोपिंग के कारण चार वर्ष का प्रतिबंध झेल रहे पहलवान नरसिंह यादव के लिए टोक्यो ओलम्पिक का स्थगित होना वरदान साबित हो सकता है और उनके लिए ओलम्पिक में हिस्सा लेने का रास्ता खुल सकता है। नरसिंह पर लगा प्रतिबंध जुलाई में समाप्त हो जाएगा। 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग के पहलवान नरसिंह पर रियो ओलम्पिक में अपना पहला मुकाबला लड़ने से ठीक पहले डोपिंग के लिए दोषी पाए जाने के कारण चार वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया गया थाजबकि इससे पहले भारत में एक जांच पैनल ने उन्हें साजिश का शिकार बताकर ओलंपपिक में हिस्सा लेने के लिए क्लीन चिट दी थी। यदि टोक्यो ओलम्पिक अपने निर्धारित समय 24 जुलाई से आयोजित होते तो नरसिंह ओलम्पिक में हिस्सा नहीं ले पाते लेकिन ओलम्पिक 2021 तक स्थगित किये जाने से नरसिंह को एक मौका मिल सकता है। नरसिंह पर लगा प्रतिबंध जुलाई में समाप्त हो जाएगा।

नरसिंह ने 2015 की विश्व चैपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर रियो ओलम्पिक के लिए देश को 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कोटा दिलाया था। उनके इस वजन वर्ग के पहलवान सुशील कुमार ने नरसिंह के साथ ट्रायल की मांग की और यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में चला गया। भारतीय कुश्ती महासंघ उस समय नरसिंह के पक्ष में था।सुशील ने पिछले दो ओलम्पिक में कांस्य और रजत पदक 66 किग्रा वर्ग में जीते थे लेकिन एक वजन वर्ग आगे जाने के कारण उन्हें 74 किग्रा वर्ग में उतरना पड़ रहा था।  अदालत का फैसला फेडरेशन और नरसिंह के पक्ष में रहा। लेकिन नरसिंह जून और जुलाई 2016 में दो बार डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। नरसिंह ने तब उनके खाने पीने में छेड़छाड़ किये जाने का आरोप लगाया था।

भारतीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने नरसिंह को क्लीन चिट दी लेकिन विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने इस फैसले को खेल मध्यस्थता अदालत में चुनौती दी जहां वह डोपिंग के लिए दोषी करार दिए गए और उन पर चार वर्ष का प्रतिबंध लग गया।  31 वर्षीय नरसिंह को उनका प्रतिबंध जुलाई में समाप्त होने के बाद वापसी करने का मौका मिल सकता है क्योंकि ओलम्पिक क्वालिफिकेशन कोरोना के कारण स्थगित हो रखे हैं और 74 किग्रा वर्ग में भारत को अभी तक कोटा नहीं मिला है।