Dec 5, 2016
नोटबंदी के बाद देश में बढ़ रहे कैशलेस लेन-देन पर साइबर हमले का खतरा बढ़ गया है। माइक्रो एटीएम और पीओएस मशीनें सबसे आसान निशाना हैं। इनसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स का डेटा आसानी से चोरी हो सकता है। यह चेतावनी देश की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने दी है। एजेंसी ने सभी ग्राहकों, बैंकर्स व कारोबारियों को स्कीमिंग और मालवेयर के हमले से बचने के उपाय को कहा है।
चोर एक छोटी से चिप से जान सकता है पासवर्ड
सीईआरटी-इन ने बताया है कि ‘कोई डाटा चोर स्वाइप मशीन में एक छोटे इलेक्ट्रानिक उपकरण (स्कीमर मशीन यानी कार्ड रीडर) को लगाकर डेबिट और क्रेडिट कार्ड का गोपनीय नंबर और पासवर्ड जान सकता है।
इसके साथ माइक्रो एटीएम और पीओएस के लिए दो अलग एडवाइजरी जारी की गई हैं।
सीईआरटी-इन की यह चेतावनी काफी अहम है। गत अक्टूबर महीने में भी विभिन्न बैंकों के 32 लाख कार्ड्स का डेटा चोरी होने का मामला सामने आया था
हैकर्स ने उसके जरिये करीब 1.30 करोड़ रुपए चुरा भी लिए थे।
पीओएस में दर्ज होता है कार्ड का डेटा
माइक्रो एटीएम जीपीआरएस के जरिए बैंकों के सर्वरों से जुड़े होते हैं। हैकर्स आसानी से डाटा चुरा सकते हैं।
पीओएस में डाटा इनपुट टैक्स्ट में होता है। यानी पिन समेत कार्ड की जानकारी जस की तस सर्वर में दर्ज होती है। हैकर्स डाटा से आपके पैसे चोरी कर सकते हैं।
हैकर्स माइक्रो एटीएम व पीओएस के पास छोटी सी स्कीमर मशीन या कार्ड रीडर लगाकर डाटा चोरी कर सकते हैं।
चेतावनी:हैकर्स डेटा चुराने की फिराक में हैं। नकली बैंक अफसर बन दुकानदार की मशीनों पर डिवाइस लगा सकते हैं।
सलाह:सेफ्टी फीचर्स मजबूत व लगातार अपडेट करना जरूरी है। डाटा टेक्स्ट की जगह सांकेतिक भाषा (एनक्रिप्टेड) में सर्वर में दर्ज हो। ताकि डाटा चोरी हो तो हैकर्स कुछ न कर पाएं।
उपाय:ट्रांजेक्शन करते वक्त देखें कि कार्ड स्वाइप मशीन से कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तो नहीं जुड़ी है। सिर्फ मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड की जगह चिप वाले कार्ड का इस्तेमाल करें।
सतर्कता:उपयोग न हो तो मशीन लॉगआउट करें। माइक्रो एटीएम सॉफ्टवेयर व एंटी वायरस अपडेट रखें। पासवर्ड बदलते रहें। वाई-फाई, इंटरनेट कनेक्शन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
एक आदमी को कैशलेस ट्रांजेक्शन करवाने पर डीसी को मिलेंगे 10 रु.
जिला उपायुक्त (डीसी) किसी को दो बार डिजिटल लेनदेन करवाते हैं तो उन्हें 10 रुपए मिलेंगे।
कैशलेस होने वाली 50 पंचायतों को भी सम्मानित किया जाएगा।
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि नए नोट आने के बाद भी पुराने नोट चलते रहेंगे।








