Dec 4, 2016
काले मांस और खून के लिए पहचाने जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे का पालन और प्रजनन अब जिले में होगा। माइनिंग क्षेत्र के दस गांव में किसानों को कड़कनाथ के चूजे सहित अन्य संसाधन प्रशासन मुहैया कराएगी। ताकि क्षेत्र के लोग कुक्कट पालन से अपनी आय बढ़ाएं।
कड़कनाथ के स्वादिष्ट मांस के शौकिनों के लिए खुश खबरी है कि अब जिले में भी इसका पालन और उत्पादन होगा। किरंदुल-बचेली क्षेत्र माइनिंग क्षेत्र के दस किसान शीघ्र ही कड़कनाथ के पालन के साथ विक्रय कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगे। जिला प्रशासन के सहयोग से पशुपालन विभाग ऐसे दस हितग्राहियों को कुक्कट पालन के लिए प्रोत्साहित करते संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
इसके लिए माइनिंग क्षेत्र के इच्छुक लोगों का चयन किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार कड़कनाथ या कालामांसी मुर्गे-मुर्गियां पालने के लिए प्रशासन ने एक योजना तैयार की है। जिसमें हितग्राहियों को 50 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। जिसमें शेड के साथ प्रारंभिक स्तर पर आहार, दवा, बर्तन आदि शामिल हैं।
इसके लिए हितग्राहियों को पहले कम से कम 25 हजार रुपए के बैंक डीडी जमा करवानी होगी। यह वापसी योग्य नहीं होगी। इसके बाद उन्हें बैंक से अनुदान के साथ एक लाख रुपए का ऋण दिया जाएगा। कुक्कुटपालन के लिए किसानों ने स्वयं की जमीन उपलब्ध करानी होगी।
कांकेर से लाएंगे चूजे
जिले के चयनित हितग्राहियों को पालन के लिए कड़कनाथ के चूजे कांकेर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र हैचिंग सेंटर से उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक चूजा 50 रुपए की दर से दिया जाएगा। जिसका पालन के बाद हितग्राही बाजार में बेच सकता है।
इनका कहना है
डीएमएफ मंद से जिले में कड़कनाथ मुर्गे-मुर्गियों के पालन के लिए दस हितग्राहियों को निश्चित अनुदान पर चूजे उपलब्ध कराएं जाएंगे। इसके लिए हितग्राहियों से आवेदन मंगाया गया है।








