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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने संदिग्ध बैंक डिपॉजिट पर आईटी ने शुरू किया सवाल-जवाब

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Jan 24, 2017

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने संदिग्ध बैंक डिपॉजिट को लेकर प्रश्न पूछने शुरू कर दिए हैं। इनमें को-ऑपरेटिव बैंकों में किए गए डिपॉजिट भी शामिल हैं। डिपार्टमेंट ने अधिकतर मामलों में इनकम के सोर्स और अकाउंट होल्डर की पहचान से जुड़े सबूत मांगे हैं। एक सूत्र ने बताया, 'पहले राउंड में डिपार्टमेंट उन बैंक अकाउंट्स पर फोकस कर रहा है, जिनमें KYC रूल्स का पालन नहीं हुआ है या जिनमें कैश डिपॉजिट व्यक्ति की इनकम से मेल नहीं खाते।'

डिपार्टमेंट ई-प्लैटफॉर्म के जरिए भी सवाल पूछ रहा है। ऐसे लोगों से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा जा रहा है जिन्होंने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद बड़ी रकम अकाउंट्स में जमा की है। पहले राउंड में डिपार्टमेंट केवल उन बैंक अकाउंट्स के संबंध में जानकारी ले रहा है, जो संदिग्ध लग रहे हैं। ऐसे अकाउंट्स को लेकर प्रश्न पूछे जा रहे हैं जिनमें नोटबंदी के बाद कम से कम 10 लाख रुपये जमा किए गए हैं।

टैक्स अडवाइजरी फर्म, नांगिया ऐंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर, राकेश नांगिया ने बताया, 'इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अप्रैल 2016 के बाद से किए गए बड़े बैंक डिपॉजिट को लेकर भी प्रश्न पूछ रहा है, लेकिन ऐसे मामलों की अधिक संख्या को देखते हुए इसमें कुछ समय लग सकता है। हालांकि, प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। डिपार्टमेंट को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह केवल ब्लैक मनी रखने वालों को निशाना बनाए और ईमानदार टैक्सपेयर्स को परेशान न किया जाए।'