Loading...
अभी-अभी:

अब चींटियों की भी तस्करी! केन्या में पकड़ी गई 5,400 दुर्लभ रानी चींटियां, कीमत 7 करोड़ से ज्यादा

image

May 9, 2025

अब चींटियों की भी तस्करी!  केन्या में पकड़ी गई 5,400 दुर्लभ रानी चींटियां, कीमत 7 करोड़ से ज्यादा

अब तक आपने हाथी के दांत और गैंडे की सींग की तस्करी के बारे में सुना होगा, लेकिन केन्या से सामने आए इस ताजा मामले ने सभी को चौंका दिया है। यहां चार लोगों को दुर्लभ रानी चींटियों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वन्यजीव विभाग की कार्रवाई में पकड़े गए आरोपियों के पास से कुल 5,400 रानी चींटियां बरामद की गई हैं, जिनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 7 करोड़ 66 लाख रुपये से भी अधिक आंकी जा रही है।

वैज्ञानिक रिसर्च और पालतू कीड़ों के व्यापार में होती है इन चींटियों की मांग

केन्या वाइल्डलाइफ सर्विस (KWS) के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी इन रानी चींटियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दामों पर बेचने की फिराक में थे। इन चींटियों का इस्तेमाल वैज्ञानिक अनुसंधान, कीटों की ब्रीडिंग और एक्सोटिक पालतू जीवों के अवैध व्यापार में किया जाता है। विशेष बात यह है कि रानी चींटी ही वह इकाई होती है, जो अंडे देकर पूरी कॉलोनी को जन्म देती है — जिसमें सैनिक, कार्यकर्ता और भावी रानियां होती हैं।

कोर्ट ने लगाया सख्त जुर्माना, जेल की सजा भी तय

चारों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें दोषी करार देते हुए 7,700 डॉलर (करीब 6.5 लाख रुपये) का जुर्माना ठोका गया। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अगर आरोपियों ने यह जुर्माना नहीं भरा तो उन्हें 12 महीने की जेल की सजा भुगतनी होगी।

इस मामले में दो बेल्जियाई किशोर — लोर्नॉय डेविड और सेपे लोडविज्क्स — ने दावा किया कि वे चींटी प्रेमी हैं और उन्होंने ये सब नादानी में किया। लेकिन जांच में ऐसे सबूत मिले जिससे उनकी मंशा का पर्दाफाश हो गया। बताया जा रहा है कि दोनों ने लगभग 200 डॉलर में 2,500 रानी चींटियां खरीदी थीं, जो स्पष्ट रूप से शौक के दायरे से बाहर था।

जैव विविधता को खतरे की घंटी

केन्या सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि देश की जैव विविधता से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि रानी चींटियां किसी भी कॉलोनी की रीढ़ होती हैं। अगर इनका शोषण होता है तो पारिस्थितिक तंत्र में गंभीर असंतुलन पैदा हो सकता है।

यह घटना इस ओर इशारा करती है कि तस्करों का निशाना अब सिर्फ बड़े जीव-जंतु ही नहीं, बल्कि कीट-पतंगों जैसे छोटे लेकिन अहम जीव भी बनने लगे हैं। "गायंट अफ्रीकन हार्वेस्टर रानी चींटियां" जैसी दुर्लभ प्रजातियां अब अंतरराष्ट्रीय ब्लैक मार्केट में भारी कीमत पर बेची जा रही हैं।

वन्यजीव संरक्षण के लिए बड़ी चुनौती

यह मामला स्पष्ट करता है कि वन्यजीव संरक्षण अब सिर्फ बाघों और हाथियों तक सीमित नहीं रह गया है। केन्या जैसे देशों के लिए यह एक चेतावनी है कि उनकी जैव विविधता पर वैश्विक अवैध बाजार की नजर लगी हुई है। जरूरत है एक सख्त और सतर्क नीति की, जिससे इस तरह के जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

Report By:
Monika