Jan 23, 2017
रायपुर। साइंस कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसर में लइका मड़ई में पहले दिन भारी अव्यवस्था देखने को मिली। दौड़ के लिए चुना गया विश्वविद्यालय के 4 सौ मीटर का ट्रैक कंकड़-पत्थर से भरा था। लेकिन अधिकारियों ने सफाई नहीं कराई। नौनिहाल इसी ट्रैक पर दौड़ते रहे। इतना ही नहीं, धूप में दौड़कर वापस आए बच्चों को पीने के पानी तक के लिए भटकना पड़ा रहा था। वहीं चलित शौचालय नहीं होने के कारण बच्चियों को दर-दर भटकना पड़ा। पानी के नाम पर विश्वविद्यालय के जिम के बाहर एक ही नल था। खेलने आए बच्चे दिनभर इसी नल के भरोसे रहे। शिक्षा विभाग के अधिकारी ने नईदुनिया टीम को पत्र दिखाया, जिसमें 19 जनवरी को निगम आयुक्त को पत्र लिखकर पेयजल और चलित शौचालय की मांग की गई थी, लेकिन फिर भी वहां से कोई व्यवस्था नहीं की गई। टीम ने जब नल पर जुटी भीड़ की तस्वीरें लीं तो कर्मचारियों को भेजकर पानी के पाउच मंगवाए।
खेल प्रतियोगिताएं बंजारी माता मंदिर के समीप ट्रैक और खेल मैदानों में रखी गई थीं। जबकि खाने की व्यवस्था हाकी स्टेडियम के पास साइस कॉलेज ग्राउंड में रखी गई। खेलकर थके-हारे बच्चों को प्रतियोगिता के बाद यहां कड़ी धूप में खाने के पैदल चलकर आना पड़ रहा था। आयोजन में एक हजार से ज्यादा लोगा आए थे, लेकिन यहां एक भी शौचालय की व्यवस्था नहीं थी। शारीरिक शिक्षा विभाग के भवन में खेलो इंडिया आयोजन के अधिकारियों सहित अन्य लोग रुके थे। यहां छात्राओं को शौचालय इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी। छात्राएं पसीने से लथपथ थीं और कपड़े बदलने के लिए भटकती रहीं।
आयोजन में शिक्षा और खेल विभाग का दोहरा रवैया देखने को मिला। अधिकारियों ने कलेक्टर ओपी चौधरी को सांस्कृति आयोजन स्थल का दौरा कराया। यहां दो पानी टैंकर सहित पंडाल की व्यवस्था थी। कलेक्टर को खेल ग्राउंड ले जाया ही नहीं गया। न उन्होंने खुद इसकी जहमत उठाई। खेल ग्राउंड में पंडाल के नाम पर सिर्फ अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था थी।
कल पानी टैंकर और शौचालय भेज दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया था। -रजत बंसल, आयुक्त नगर निगम