Jul 11, 2017
रायपुर : छत्तीसगढ़ में परिवार नियोजन से रोक हट गई हैं, क्योंकि अब प्रदेश में 2 से अधिक बच्चें पैदा करने की छूट मिल गई हैं। मतलब अब छोटा परिवार, सुखी परिवार के नारे को बदलकर बड़ा परिवार, कोई रोक नहीं सरकार भी कह सकते हैं। जी हां मंगलवार को हुई रमन कैबिनेट की बैठक में इस पर अहम फैसला लिया गया। दरअसल रमन सरकार ने शासकीय सेवकों के दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने की रोक हटा दी और उन्हें छूट दे दी। छत्तीसगढ़ की आबादी लगातार बढ़ते जा रही हैं। जब राज्य बना था तब 2 करोड़ की आबादी थी। आज 2 करोड़ 65 लाख की आबादी हो चुकी हैं और अब प्रदेश की आबादी को बढ़ाने वाला एक बड़ा फैसला सरकार ने ले लिया हैं। रमन कैबिनेट ने आज छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 में संशोधन किया हैं। इसके तहत अब शासकीय सेवकों को दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने की छूट मिल गयी हैं। इसके पूर्व छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 22 के उप नियम 4 में प्रावधान था कि शासकीय सेवक परिवार कल्याण से संबंधित नीतियों का पालन करेगा। इसमें कहा गया था कि शासकीय सेवकों के दो से अधिक बच्चे पैदा करने को अवचार माना जायेगा। रमन कैबिनेट ने इस प्रावधान को विलोपित करने का निर्णय लिया।
जाहिर तौर पर सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 5 लाख अधिकारी-कर्मचारियों को छूट मिल गई हैं। हालांकि इस छूट से लाभ कैसे और क्या होगा इसे समझना कठिन हैं, क्योंकि इसमें एक तरह से परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं। सालों पुराना एक नारा भी कही न कही बेअसर होगी। जिसमें कहा जाता हैं कि दो ही बच्चें अच्छे, छोटा परिवार सुखी परिवार।