Jun 2, 2023
अधिकारियों का कहना है कि कम से कम 288 लोग मारे गए हैं और भारत के पूर्वी ओडिशा राज्य में ट्रेनों की टक्कर में 900 घायल लोग घायल भी हो गए हैं। राज्य में एक दिन के शोक की घोषणा की गई है।
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने बताया अभी बालासोर जिले में 200 से अधिक एम्बुलेंस घटनास्थल पर भेजी गईं। शुक्रवार की देर रात बगल के ट्रैक पर एक यात्री ट्रेन दूसरे से टकराने से पहले पटरी से उतर गई थी। यह भारत की इस सदी की सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना है। अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। भारतीय रेलवे ने कहा कि इसमें दो ट्रेने शामिल थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस। ओडिशा अग्निशमन सेवा के महानिदेशक सुधांशु सारंगी ने कहा कि मरने वालों की संख्या 288 है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह इस घटना से व्यथित हैं और उनके विचार शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। उन्होंने ट्वीट किया, "दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान चल रहा है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है।" इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को "गहरी पीड़ा" करार दिया।
ये आपबीती दिल दहलाने वाली है
बचे एक शक्स ने कहा कि "10 से 15 लोग मुझ पर गिर गए जब दुर्घटना हुई और सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया। मैं ढेर के नीचे था।
एक पीड़िता ने एएनआई को बताया, "मेरे हाथ और गर्दन के पिछले हिस्से में भी चोट लगी है। जब मैं ट्रेन की बोगी से बाहर आई तो मैंने देखा कि किसी का हाथ टूट गया है, किसी का पैर टूट गया है, जबकि किसी का चेहरा पूरी तरह खराब हो गया है "
कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा ?
माना जा रहा है कि शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे लगभग 7 बजे पटरी से उतर गए, जिनमें से कुछ विपरीत ट्रैक पर समाप्त हो गए।
एक और ट्रेन - यशवंतपुर से हावड़ा जाने वाली हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पलटी हुई गाड़ियों से टकरा गई। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि घटना स्थल पर टकराने मे एक मालगाड़ी भी शामिल थी। कुछ जीवित यात्रियों को मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए दौड़ते हुए देखा गया। स्थानीय बस कंपनियां भी घायल यात्रियों को लाने-ले जाने में मदद कर रही हैं।
इससे पहले भारत की सबसे खराब ट्रेन दुर्घटना 1981 में हुई थी, जब बिहार राज्य में एक बवंडर की वजह से एक खचाखच भरी यात्री ट्रेन पटरी से उतरकर नदी में जा गिरी थी, जिसमें कम से कम 800 लोग मारे गए थे।