Dec 19, 2025
20 दिसंबर 2025: ज्वालामुखी योग की आग से बचें, साल की आखिरी '20' तारीख बन सकती है चुनौतीपूर्ण!
साल 2025 का अंत एक रहस्यमयी और सतर्कता भरे ग्रह योग के साथ हो रहा है। 20 दिसंबर को बनने वाला ज्वालामुखी योग ज्योतिष शास्त्र में बेहद अशुभ माना जाता है, जैसे कोई ज्वालामुखी फटने को तैयार हो और उसके लावे से सब कुछ भस्म हो जाए। यह योग तब बनता है जब खास तिथि और नक्षत्र का दुर्लभ संयोग होता है, जो शुभ कार्यों में बाधाएं ला सकता है। पंचांग के अनुसार, इस दिन पूरे दिन सावधानी बरतें, क्योंकि यह योग सुबह से देर रात तक प्रभावी रहेगा। अगर आप कोई महत्वपूर्ण फैसला लेने या नया काम शुरू करने की सोच रहे हैं, तो रुक जाएं – यह दिन आपके लिए अप्रत्याशित चुनौतियां ला सकता है। आइए जानते हैं इस योग की पूरी कहानी और बचाव के तरीके।
ज्वालामुखी योग क्या है और कैसे बनता है?
ज्वालामुखी योग का नाम ही डर पैदा करता है। जैसे असली ज्वालामुखी फटने पर आसपास तबाही मच जाती है, वैसे ही यह योग जीवन में विघ्न-बाधाएं लाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह योग तब बनता है जब प्रतिपदा तिथि पर मूल नक्षत्र हो। कभी-कभी अन्य संयोग जैसे पंचमी पर भरणी या अष्टमी पर कृतिका नक्षत्र भी इसे ट्रिगर करते हैं।
20 दिसंबर 2025 को पौष शुक्ल प्रतिपदा तिथि और मूल नक्षत्र का संयोग होगा, साथ ही चंद्रमा धनु राशि में रहेगा। यह दुर्लभ कॉम्बिनेशन पूरे दिन अशुभ प्रभाव डालेगा, जहां शुरू किए गए काम में बार-बार रुकावटें आ सकती हैं या सफलता नहीं मिलती।
इस योग का समय और प्रभाव
दृक पंचांग के आधार पर, 20 दिसंबर 2025 (शनिवार) को ज्वालामुखी योग सुबह करीब 7 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन तड़के 1 बजकर 21 मिनट तक चलेगा। सूर्योदय के ठीक बाद यह प्रभावी हो जाएगा, इसलिए पूरा दिन सतर्क रहें।
इस दौरान ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि शुभ कार्यों का फल उल्टा पड़ सकता है। पुराने ज्योतिष ग्रंथों में इसे विनाशकारी बताया गया है, जहां मेहनत बेकार जाती है और अप्रत्याशित परेशानियां सामने आती हैं। हालांकि, कुछ मान्यताओं में यह शत्रुओं पर विजय के लिए अनुकूल माना जाता है, लेकिन आम जीवन के लिए पूरी तरह वर्जित।
इन 5 कार्यों से बचें, वरना हो सकता है नुकसान
ज्वालामुखी योग में भूलकर भी ये काम न करें, नहीं तो परिणाम भारी पड़ सकते हैं:
नया घर या गृह प्रवेश: नए मकान में प्रवेश करने से परिवार में अशांति या सुख-शांति भंग हो सकती है।
नया व्यवसाय या काम शुरू करना: दुकान खोलना, नई नौकरी जॉइन करना या प्रोजेक्ट लॉन्च करना टालें – विफलता या बाधाएं तय हैं।
शुभ संस्कार जैसे मुंडन या उपनयन: बच्चों के मुंडन, जनेऊ या गर्भाधान जैसे संस्कार वर्जित हैं, क्योंकि इनका फल नहीं मिलता।
खेती या बीजारोपण: किसान भाइयों को सलाह है कि इस दिन बुआई न करें, फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
बड़ी खरीदारी: जमीन, वाहन, संपत्ति या फ्लैट खरीदने से बचें – निवेश डूब सकता है या विवाद हो सकता है।
इसके अलावा, विवाह जैसे मांगलिक कार्य तो पहले से खरमास के कारण वर्जित हैं, लेकिन इस योग में कोई रिस्क न लें।
सावधानी और उपाय से बचाव संभव
यह योग डराने वाला जरूर है, लेकिन सतर्कता से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। पूरे दिन शांत रहें, पूजा-पाठ करें और हनुमान चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। दान-पुण्य जैसे गरीबों को भोजन कराना या मंदिर में दीप जलाना शुभ रहेगा। अगर जरूरी काम हो तो ज्योतिषी से मुहूर्त निकलवाएं।
साल का अंत सकारात्मक नोट पर करें – इस योग को समझकर सावधानी बरतें, ताकि नया साल खुशियों से भरा हो। ज्योतिष केवल मार्गदर्शन है, सकारात्मक सोच और कर्म से हर बाधा पार की जा सकती है!







