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शासकीय स्कूलों के बच्चों में छिपा है प्रतिभा का भण्डार - स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी

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Jan 10, 2020

अनुगूँज में शासकीय स्कूलों के बच्चों द्वारा धनक एवं रंगकार में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों के प्रदर्शन को देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि ये बच्चे पहली बार इतने बड़े मंच पर नृत्य, गायन, वादन और नाटक का प्रदर्शन कर रहे हैं। इनके प्रदर्शन से यह साबित होता है कि शासकीय स्कूलों के बच्चों में प्रतिभा का भण्डार छिपा है। उपयुक्त अवसर, मार्गदर्शन एवं मंच मिलने पर वे उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। इतना ही नहीं ये बच्चे भी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रौशन कर सकते हैं। ये बच्चे ही प्रदेश का भविष्य हैं अत: इनके सर्वांगीण विकास के लिये पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों में अपनी प्रतिभा प्रदर्शन करने के लिये सरकार हर संभव मदद के लिये प्रतिबद्ध है। प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने कहा कि शासकीय स्कूलों के बच्चों में आत्मविश्वास जगाने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिये अनुगूँज का आयोजन किया गया, जिसे बच्चों ने मेहनत और लगन से प्रभावी और मनमोहक प्रस्तुतियाँ देकर सार्थक किया।

'रंगकार' में शासकीय स्कूलों के बच्चों ने दी आकर्षक नाट्य प्रस्तुतियाँ

अनुगूँज के दूसरे दिन 'रंगकार' में शासकीय स्कूलों के बच्चों ने आकर्षक नाट्य प्रस्तुतियाँ दीं। बच्चों द्वारा दी गई नाट्य प्रस्तुतियाँ इतनी स्वभाविक एवं प्रभावी थीं जैसे सिद्धहस्त अनुभवी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की जा रही हों। बाल रंगमंच के विशेषज्ञ और प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं निदेशक श्री के.जी. त्रिवेदी द्वारा तैयार गौतम बुद्ध की जातक कथाओं पर आधारित नाटक गजमोक्ष में नेकदिल सफेद हाथी की कहानी का शासकीय विद्यालयों के 50 विद्यार्थियों ने बड़ा ही आकर्षक नाट्य रूपांतर प्रस्तुत किया जिसमें बातों ही बातों में कई नैतिक शिक्षाएँ दी गई थीं।  दूसरे नाटक पीली पूंछ में कल्पना लोक की कहानियों को मंच पर शासकीय विद्यालयों के 70 विद्यार्थियों द्वारा साकार किया गया, जिसमें कल्पना-लोक में रहने वाली दादी और उनके भुलक्कड़ पोते चन्दू की कहानी है जिसे लेखक और निदेशक विहान ड्रामा वर्क्स के प्रसिद्ध प्रयोगधर्मी रंग निदेशक श्री सौरभ अनंत द्वारा तैयार कराया गया था।