Dec 15, 2025
भोपाल एम्स में आत्महत्या प्रयास के बाद हाई-लेवल जांच, HOD हटाए जाने से मचा हड़कंप
एक दुखद और चौंकाने वाली घटना ने भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के परिसर को हिलाकर रख दिया है। संस्थान की एक सहायक प्रोफेसर के आत्महत्या का प्रयास करने और गंभीर रूप से बीमार होने के बाद, प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है और एक विभागाध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया है।
घटना की रूपरेखा और डॉक्टर की गंभीर हालत
11 दिसंबर की रात, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रश्मि वर्मा (बदला हुआ नाम) ने ड्यूटी समाप्त कर घर लौटने के बाद एनेस्थीसिया की उच्च मात्रा खुद को इंजेक्ट कर ली। इसके परिणामस्वरूप उनका हृदय लगभग सात मिनट तक धड़कना बंद हो गया, जिससे उनके मस्तिष्क को गंभीर क्षति पहुंची है। चिकित्सकीय रिपोर्टों में 'ग्लोबल हाइपोक्सिक ब्रेन डैमेज' की पुष्टि हुई है। वर्तमान में, डॉ. वर्मा वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और उनकी हालत अत्यंत नाजुक बताई जा रही है।
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई और HOD का हटाया जाना
मामले की गंभीरता को देखते हुए संस्थान प्रबंधन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्तर पर आपात बैठक हुई। निर्णय के तहत, ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यूनुस (बदला हुआ नाम) को उनके पद से तत्काल हटा दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ. यूनुस पर पहले भी अन्य डॉक्टरों को प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लग चुके हैं, जो इस कार्रवाई का एक कारण बना।
कार्यस्थल तनाव पर केंद्रित होगी जांच
गठित उच्चस्तरीय समिति इस पूरे प्रकरण की गहन छानबीन करेगी। जांच के केंद्र में कार्यस्थल पर मानसिक तनाव, कथित प्रताड़ना और अंदरूनी वातावरण जैसे मुद्दे होंगे। संस्थान प्रबंधन ने सभी पक्षों से तथ्य जुटाने का काम शुरू कर दिया है। यह घटना चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल की स्थितियों पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।







