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कौन है बच्चूलाल के मौत का जिम्मेदार?

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Nov 15, 2017

रायपुर : यूं तो आत्महत्या करना एक अपराध और कायराना हरकत माना जाता, लेकिन जब कोई हताश-निराश और सिस्टम से परेशान व्यक्ति सरकार की चौखट में आत्महत्या करने पर मजबूर हो, तो इस मौत का जिम्मेदार कौन है?

यही सवाल एक बार फिर सिस्टम से हारकर मौत को गले लगाने वाले बच्चूलाल ने सबके सामने छोड़ दिया है। इसी सवाल ने सियासत को गरमा भी दिया है। कांग्रेस ने बच्चूलाल की मौत के लिए सीधे तौर पर सरकार और मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग कर डाली है।

8 नवंबर को सीएम हाउस के बाहर बच्चूलाल की आत्मदाह के बाद हड़कंप मच गया। बच्चूलाल की मौत के बाद उनके परिजनों रोते-बिलखते आरोप लगा रहे हैं कि बच्चूलाल का अंतिम संस्कार कवर्धा में ही किया जाए।

कांग्रेस जांच समिति बच्चूलाल की मौत के कारणों को जानने पांडातराई और कवर्धा पहुंची थी। राजधानी रायपुर में कांग्रेस नेताओं ने प्रेसवार्ता कर बच्चूलाल की मौत के पीछे शासन और प्रशासन को जिम्मेदार बताया था।

दरअसल पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे की अगुवाई में 7 सदस्यीय जांच कमेटी कांग्रेस ने बनाई थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस भवन में सार्वजनिक की। रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने कहा कि बच्चूलाल ने सीएम हाउस के बाहर नहीं बल्कि सीएम हाउस में आत्मदाह की।

इस घटना के लिए कांग्रेस ने  मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को इस आत्मदाह के लिए ज़िम्मेदार बताया। कांग्रेस नेता रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने आरोप लगाया कि बच्चूलाल ने मई में कलेक्टर से शिकायत की थी, लेकिन कलेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्रशासन से मदद नहीं मिलने से बच्चूलाल निराश हो गया था। कांग्रेस ने मांग की है कि कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं इस मामले में फिलहाल कलेक्टर, एसपी से लेकर स्थानीय बीजेपी नेताओं ने चुप्पी साध ली है। वहीं पांडातराई नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनीश ठाकुर का कहना है कि उन्होंने बच्चूलाल के आवेदन को कलेक्टर को फारवर्ड कर दिया था।

बच्चूलाल की मौत मामले की जांच कवर्धा जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है, लेकिन कांग्रेस जिला प्रशासन को इस घटना के लिए जिम्मेदार बताया है। लिहाजा इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कांग्रेस ने की है।

यही नहीं कांग्रेस ने बच्चूलाल की पत्नी को नौकरी देने की भी मांग की है, साथ ही यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री कार्रवाई नहीं कर सकते, तो इस्तीफा दे। आपको बता दे कि बीते वर्ष इसी तरह से बीरगांव के एक युवक ने रायपुर सीएम हाउस के बाहर आत्मदाह कर अपनी जान दे दी थी। सवाल ये है कि खुशहाल, समृद्ध, विकासशील प्रदेश में कभी किसान, कभी नौजवान, कभी बेरोजगार आत्महत्या क्यों कर रहा है? आखिर इन मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है?