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पुनिया बदलने चले बस्तर के रास्ते, कांग्रेस की दुनिया

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Oct 11, 2017

रायपुर : छत्तीसगढ़ में अगर सरकार बनानी हैं, तो बस्तर में जीत हासिल करनी ही होगी। बस्तर का किला फतह हो तभी प्रदेश की सत्ता की चौखट पर दस्तक हो सकती हैं। कम से कम 2018 के चुनाव में तो यही तस्वीर बनते दिख रही हैं।

यही वजह हैं कि कांग्रेस हो या भाजपा या फिर जोगी कांग्रेस, हर किसी के जहन में बस्तर की 12 सीटें हैं, खास तौर पर कांग्रेस तो यहां 2013 की सफतला को दोहराने पूरजोर कोशिश में जुट गई हैं। यही वजह हैं कि पहले राहुल ने दो दिन बस्तरियों के बीच गुजारे, अब कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया तीन दिनों तक आदिवासियों के बीच उनके हक और अधिकार की बात करेंगे।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2018 के तारीखों का ऐलान जब होगा तब होगा, लेकिन उससे पहले तमाम सियासी दल इस अभियान में जुट चुके हैं कि बस्तर का किला तो फतह करना ही पड़ेगा। कांग्रेस ने बस्तर को लेकर एक विशेष रोडमैप तैयार किया हैं।

राहुल गांधी मिशन बस्तर का खाका खींच चुके हैं। उसी रोडमैप में चलने के लिए पुनिया प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ तीन दिनों के बस्तर दौरे पर हैं। जहां पुनिया आदिवासियों के अधिकारों की बात कर रहें हैं। शुरूआत कांकेर जिले में जनअधिकार सभा से हो चुकी हैं। ऐसे ही वे 6 स्थानों पर सभा करेंगे। जिसमें घोर नक्सल प्रभावित इलाका बीजापुर भी शामिल हैं। 

बस्तर पर कांग्रेस ही नहीं बीजेपी की भी पैनी नजर हैं, तो जोगी कांग्रेस की ओर से अजीत जोगी और अमित जोगी दोनों ही रैली कर चुके हैं। बीजेपी के लिए तो संघ व्यापक रणनीति भी बस्तर के लिए बन चुकी हैं। बस्तर के भीतर अंदरूनी इलाकों में भाजपाई काम कर रहे हैं।

अजीत जोगी ने पुनिया के दौरे पर निशाना साधते हुए कहा कि जो अप्रांसगिक हो गए हैं, उनके बारे में चर्चा नहीं करना चाहते। पीएल पुनिया नाम से बस्तर के कौन आदिवासी आकर्षित होने वाला हैं, उन्हें कौन सुनने आएगा?

कौन किसको सुनेगा, कौन किसको चुनेगा ये तो चुनाव के नतीजे आने के बाद पता चलेगा, फिलहाल 12 के 12 सभी यहां जीतना चाहते हैं। कांग्रेस तो कम से कम ये इस रास्ते हैं कि 2013 में जीती 8 सीटें वो बचा ही ले, लेकिन चुनौती यहां बीजेपी और जोगी कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा हैं।

खास तौर से बीजेपी के लिए जिनके हिस्से 4 सीटें अभी हैं। उसमें 2 सीटें मंत्रियों के नाम हैं और उन मंत्रियों की सीट पर उलटफेर होने की चर्चा सर्वाधिक हैं। ऐसे में पुनिया कांग्रेस की दुनिया कैसे बदलेंगे इस पर सबकी निगाहें हैं।