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राजधानी रायपुर को स्मार्ट बनाने करने होंगे जमीनी स्तर पर प्रयास

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Jan 19, 2018

**रायपुर।** सड़क पर पड़ा कचरा हो या, घर में फैला कबाड़, अक्सर हम कचरे को देखकर नाक-भौंह सिकोड़ते हुए निकल जाते हैं, शुरू से कचरे को लेकर हमारी सोच कुछ ऐसी बनी है,कचरा सोचने में छोटी बात लग सकती है, लेकिन इसके असर बड़े हैं, इसी कचरे ने रायपुर को कई बार स्वच्छता रैंकिंग में पीछे छोड़ा है। रायपुर दुनिया के प्रदूषित शहरों में शुमार हो रहा है। देश में जारी स्वच्छता रैंकिंग में भी फिस्सडी साबित हुआ है, शायद यही वजह है कि पूरा प्रशासन अब रायपुर को स्वच्छ बनाने के काम को युद्ध स्तर पर कर रहा है, लगातार ऐसे आयोजन हो रहे हैं, जिनका मकसद लोगों को जागरूक करना रहा है, चाहे स्वच्छता एप्प हो, हाइजीन अवार्ड हो या हालिया कचरा महोत्सव, प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है, व्यवस्था को ठीक करने की, लेकिन शिकायतें तो फिर भी लगातार आ रही हैं। आज भी जगह-जगह गंदगी का ढेर देखा जा रहा है, ऐसे में सवाल ये है कि आखिर ये महोत्सव रायपुर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बना भी रहे हैं या सारी बातें कागज़ी हैं? राजधानी में सफाई व्यवस्था की दुर्दशा पर महापौर जहां राज्य सरकार को दोष देते हैं, वहीं सत्ता पक्ष निगम प्रशासन को जिम्मेदार ठहराती है, महापौर लगातार फण्ड की कमी की बात कहते रहे हैं, पर इन दोनों ही दलीलों में एक बात से इनकार नहीं किया जा सकता, की राजधानी के स्मार्ट सिटी के सपने में जगह-जगह कूड़े का ढे़र और सफाई व्यवस्था में कमी आज भी एक धब्बे की तरह है। फण्ड के इतर सबसे बड़ी कमी नज़र आती है मैनेजमेंट की। कर्मचारी होते हुए भी कचरा प्रबंधन काफी सुस्त है। **लोगों में जागरूकता की कमी और लापरवाही भी बड़ी वजह...** एक कड़वी सच्चाई ये भी है की पूरा दोष प्रशासन पर नहीं डाला जा सकता, लोगों में जागरूकता की कमी और लापरवाही भी बड़ी वजह है, हालांकि स्मार्ट रायपुर के सपने में सिर्फ कचरा प्रबंधन ही नहीं और भी कई रुकावटें हैं, जैसे पीने का साफ पानी,बेतरतीब ट्रैफिक, कर्मचारियों की लापरवाही,जिसके लिए ज़मीनी स्तर पर प्रयास किये जाने की जरूरत है।