Aug 2, 2017
गरियाबंद : सहकारी समितियों में कामकाज की धीमी रफ्तार ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया हैं, किसानों को न तो समितियों से खाद बीज उपलब्ध हो रहा हैं और न ही नगदी की व्यवस्था हो पा रही हैं। हालात ये हैं कि फसल के लिए खाद और मजदूरों की मजदूरी भुगतान के लिए किसानों को साहूकारों से कर्ज लेना पड़ रहा हैं। अकेले देवभोग विकासखंड की बात की जाये तो यहां की 4 समितियों में लगभग 3 हजार किसान पंजीकृत हैं, जो हर साल इन समितियों से खाद बीज और नगदी लेते हैं।
इस साल जून के अंत तक इन किसानों के लिए 16 करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया था, मगर समितियों के कामकाज की धीमी रफ्तार के कारण अब तक महज 4 करोड़ 12 लाख का ऋण ही वितरण हो पाया हैं। वहीं खाद बीज नहीं मिलने से किसानों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। हालात का जायजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि क्षेत्र के पूर्व विधायक जमरुधर पुजारी खाद बीज के लिए पिछले एक सप्ताह से समिति का चक्कर काट रहे हैं, मगर अब तक नहीं मिला। उलटा अधिकारी अपनी गलती छुपाने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद बीज और नगदी वितरण का दावा कर रहे हैं। हालांकि उच्च अधिकारी इस वर्ष से डीएमआर नंबर की नयी व्यवस्था के कारण व्यवस्था में देरी होने का कारण बता रहे हैं।