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5 बच्चे और 2 शिक्षक वाला एक अनोखा स्कूल, जानिए पूरी खबर

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Sep 11, 2018

जितेन्द्र सिन्हा : राजिम विधानसभा के छुरा विकासखण्ड में घने जंगलों से घिरे जंगली जानवरों के खतरों के बीच एक ऐसा अनोखा स्कूल है जहां निखर रहे है देश के भविष्य बिल्कुल आप आतुर हो रहे होंगे इस स्कूल को देखने तो चलिए दिखाते है ।

पढ़ना लिखना आखिर कौन नही चाहता पढाई के लिए एक बच्चा अपने माता पिता से बचपन से दूर हो कर पढाई करता है ताकि वो पढ़ लिख कर एक अच्छा आदमी बन सके लेकिन आज भी आजादी के बाद ऐसे स्कूल है जहां लाखो के भवन तो बने है पर बच्चे महज 5 जी हां सिर्फ 5 बच्चे और यह स्कूल है छुरा विकासखंड छुरा के ग्राम पंचायत फुलझर के आश्रित ग्राम खदराही में यहां के छोटा सा कमार बस्ती है जहां लोगो जनसंख्या महज 10 से 15 है एक दो परिवार ही रहते है गांव में एक स्कूल भवन भी छोटी मोटी नही बल्कि लाखो रुपये की है शासकीय प्राथमिक शाला खदराही स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या सिर्फ 5 है जिसमे पहली कक्षा 02 और तीसरी कक्षा 01 चौथी में 2 और कक्षा 5 और दूसरी रिक्त है इस तरह इस स्कूल में 5 बच्चे अध्यन रत है जिनको पढ़ाते है शासन प्रशासन ने जहां दो शिक्षकों की है यशवंत निर्मलकर और अनिता निर्मलकर फोनो रिश्ते में पति पत्नी है शिक्षक यशवंत ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल वर्ष 2005 में खुला है और वर्ष 2006 में भवन बन कर तैयार हुआ तब से यहां बच्चो की संख्या किसी वर्ष 5 किसी वर्ष 6 इसे ज्यादा आज तक
नही ।

यशवंत इस स्कूल में वर्ष 2010 से पढ़ा रहे हैl घने जंगलो के बीच बसा छोड़ा से कमार बस्ती तक पहुचने के लिए कोई पक्का या स्थाई मार्ग नही है जंगलों से होते हुए इस गांव मेंपहुचा जा सकता है इन्ही जंगलो से ये दोनो शिक्षक स्कूल आते है और जाते है जब शिक्षा विभाग के किसी काम को लेकर यशवंत चला जाता है फिर भी यशवंत की पत्नी अनिता निर्मलकर बिना डरे स्कूल में पढ़ाने जुटी रहती है अनिता ने बताया कि उन्हें यहां बिल्कुल डर
नहीं लगता यहा के लोग उनको परिवार की तरह लगता है, इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि यहां के बच्चे किसी और दूसरी जगह पढ़ने नही जा सकते क्यो की 6 से 7 किलो दूर फुलझर में स्कूल है जहाँ पहुचने के लिए घने जंगल और उबड़ खड़ा रास्तो को पार करना होगा लेकिन आज आजादी के बाद भी कुछ इलाके ऐसे है जहां बच्चे कोसो दूर मुश्किलों का सामना करते हुए पढाई करने जाते है लेकिन खदराही में एक परिवार के सिर्फ 5 बच्चों पढ़ाने सरकारी स्कूल और वहां तैनात दो शिक्षक बिल्कुल ही अनोखा है ।