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13 नर्सों के भरोसे चल रहा जिला अस्पताल, 47 नियमित नर्सें हड़ताल पर

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May 22, 2018

जिला अस्पताल कोरिया में जहां 47 नियमित नर्सों के साथ ही 13 परिवीक्षाधीन नर्सें अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल करती थी वहीं अब 47 नियमित नर्साें के हडताल में चले जाने से जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह चरमरा गई है। महज 13 नर्सों के भरोसे इस समय पूरे जिले अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा है। ये परिवीक्षाधीन अवधि की नर्से जिला अस्पताल के वार्डो में अपनी सेवाएं दे रही हैं। 

बता दें कि पूरे छत्तीसगढ में परिचारिका संघ ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 18 मई से हड़ताल शुरू कर दी है। जिसमें कोरिया जिले से जिला अस्पताल में लगभग 47 परिचारिका शामिल हैं। जिला अस्पताल में महिला वार्ड, पुरूष वार्ड, प्राईवेट वार्ड, सर्जिकल वार्ड, शिशु वार्ड, आईसीयू मिलाकर 6 वार्ड हैं। इन वार्डो में बीते शुक्रवार और शनिवार को 66 नए मरीज भर्ती हुए जबकि अन्य सभी वार्डो में 100 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इस प्रकार कुल 166 मरीजों को 5 नर्से कैसे सेवाएं दे पाएगीं। इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। 

स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी से उतरी 
परिचारिकाआें की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी से उतर गई है। इनकी हड़ताल की वजह से जिला चिकित्सालय की स्थिति नाजुक हो गई है। स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य संचालनालय ने पत्र जारी किया है कि स्टाफ नर्स जन सामान्य की स्वास्थ्य सुविधाआें से जुड़ीं हैं। यदि इनकी हड़ताल की वजह से किसी मरीज की मृत्यु होती है तो संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। हड़ताल अवधि का अवकाश स्वीत नहीं किया जाएगा। इस समय को ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा। संचालनालय ने हड़ताल पर जाने वाली परिचारिकाआें के बारे में प्रदेशभर के अस्पतालों से जानकारी मांगी है।

4600 ग्रेड पर देने की मांग
प्रदेश समेत कोरिया जिले की परिचारिका संघ ने अनिश्चित कलीन हड़ताल शुरू कर दी है। नर्सिंग स्टाफ की छह सूत्रीय मांगें तीन साल से लंबित हैं। इसमें स्टफ नर्सों के कार्यो के अनुरूप ग्रेड 2 का दर्जा और सातवां वेतन मान 4600 ग्रेड पर देने की मांग शामिल है। जिला चिकित्सा अधिकारी का दावा है कि हडताल से कोई काम प्रभावित नहीं हो रहा है। वहीं परिचारिका संघ ने कहा है कि शासन हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है, इसलिए आंदोलन का फैसला लिया गया है।