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किडनी की बीमारी बनी एक पहेली....... ढाई साल में 33 मौते

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Aug 3, 2017

गरियाबंद : दिल्ली के 5 डॉक्टरों की टीम सुपेबेड़ा पहुंच चुकी हैं। केन्द्र सरकार के निर्देश पर टीम गांव पहुंचकर किडनी की बीमारी के कारणों का पता लगाने में जुट गई। सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी एक पहेली बनी हुई हैं, बीमारी क्यों फैल रही हैं और इसकी रोकथाम कैसे किया जाये, यह पता लगाने में राज्य शासन ढाई महीने में भी सफल नहीं हो पाई।

ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई थी। लगातार बढ़ती मौते और मरीजों की संख्या से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ हैं। मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। पिछले ढाई महीने में ही 2 मौते हो चुकी हैं। ढाई साल की बात की जाये तो गांव में 33 मौते हो चुकी हैं। 116 लोग अभी भी बीमार हैं।

दिल्ली की टीम ने गांव पहुंचकर 118 सस्पेक्टेड लोगों से बातचीत की। उनकी जीवन शैली, खानपान, रहन-सहन के अलावा अब तक उपचार के तरीकों को लेकर 36 बिन्दुओं पर जानकारी हासिल की। एक टीम ने गांव में घुमकर ग्रामीणों से भी जानकारी जुटाई हैं। वहीं अब तक हुई जांच से दिल्ली की टीम संतुष्ट नजर नहीं आई।

सबसे अहम बात ये हैं कि ग्रामीणों का अब डॉक्टरों से भरोसा उठ गया हैं। अब भी ग्रामीण डॉक्टरों के कामकाज की शैली से संतुष्ट नजर नहीं आए।