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नक्सल प्रभावित जिले में राशन वितरण कर रही आंगनबाड़ी कार्यकार्ता

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Apr 23, 2020

नारायणपुरः कर्तव्य पथ पर डटे रहकर काम करना सीखना हो तो नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकार्ता से सीखा जा सकता है। विपरीत स्थिति और विषम परिस्थितियों में डटे रहकर पूरी निष्ठा, ईमानदारी और ज़िम्मेदारी से काम करना जैसे इनकी फ़ितरत में या कहें इनके खून में है। ये वो आँगनबड़ी कार्यकर्ताएं है, जो आदिवासी जनजाति (माड़िया) लोगों के घर पर नहीं मिलने पर जंगल में मिलों चल उनके ठौर ठिकाना ढूंढकर भोजन-भात के लिए सूखा राशन और रेडी टू ईट का वितरण कर रही हैं ताकि उनके मासूम बच्चों और परिवार को भूखा नहीं रहना पड़े।

कोरोना के कारण कोई भूखा नहीं रहे

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेवती मांझी ने मलकटटा के जंगल में जिल्लोबाई को ढूंढकर राशन दिया, बच्चा भी उसके साथ था। राशन देख कर बच्चे के चेहरे पर सुकून भरी मुस्कराहट साफ देखी जा सकती हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं चिठठी लिख कर हौसला अफजाई भी की और उनके काम की सराहना भी की है। कलेक्टर पीएस एल्मा ने बताया कि लॉक डाउन के ​कारण पहले चरण में मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम के तहत 15 से 49 आयु वर्ग की एनीमिया पीड़ित, शिशुवती माताओं और 6 माह से 3 वर्ष के आयु वर्ग के कुपोषित बच्चों के घर पर 21 दिनों का पोषणयुक्त सूखा राशन उपलब्ध कराया था। नारायणपुर जिले में मुख्यमंत्री ने लॉक डाउन के दूसरे चरण में भी 21 दिनों का और राशन पहुंचाने की व्यवस्था की। इसके साथ ही जिले की 556 आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों गर्भवती और शिशुवती समेत कुल 17918 हितग्राहियों को हेल्दी रेडी-टू ईट फूट घर-घर जाकर दिया था। इन सभी लोगों को एक-एक सप्ताह का फूड दिया गया।