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पानी के तेज बहाव के कारण एनीकट हुआ जमींदोज़

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Sep 4, 2018

प्रमोद निर्मल : पानी के तेज बहाव को रोककर जल संरक्षण करके खेती किसानी के लिए पानी की पर्याप्तता सुनिश्चित करने के लिए नदी में जिन छड़ो और अन्य मटेरियल से दीवार खड़ी की गई वो छड़े और मटेरियल गुणवत्ता विहीन तथा जरूरत से कम हो तो दीवार का ढह जाना लाजमी लगता है। इसकी बानगी राजनांदगांव जिले के मानपुर ब्लॉक में देखी जा सकती है जहाँ भ्रस्ट नौकरशाहों और बेलगाम ठेकेदार के गुणवत्ता विहीन व खानापूर्ति के निर्माण की भेंट चढ़कर करीब चार करोड़ की लागत से तकरीबन चार साल पहले ही बनकर तैयार हुआ एनीकट बीच से ढह कर जमींदोज हो गया। जवाबदार सिंचाई विभाग एनीकट टूटने के लिए मुख्य रूप से पानी को दोषी बताते हुए बड़े अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है।

मानपुर ब्लॉक अंतर्गत आमाटोला गाँव के करीब नदी में करीब चार साल पहले ही सिंचाई विभाग के मार्फत  बना एनीकट निर्माण के बाद से ही जगह जगह से दरारों की चपेट में आ कर जर्जर हो गया था। ग्रामीणों की माने तो बारो महीने एनीकट के दीवार से पानी रिसते रहता था जिसके चलते यहां पर्याप्त जल का ठहराव भी नही होता था। इस साल अच्छी बारिस से नदी लबालब भरा हुआ है। लेकिन विडंबना ही कहे कि जिस पानी को रोकने के लिए बनाया गया एनीकट का स्ट्रक्चर पानी के ही दबाव को झेलने में नाकाम साबित हो गया और टूट कर धराशायी हो गया। 

एनीकट टूटने के बाद स्ट्रक्चर की तश्वीरें साफ बयान कर रही हैं कि एनीकट की जिन मटेरियलों से रखी गई वो मटेरियल ही गुणवत्ता विहीन व जरूरत से कम हैं। मशलन एनीकट का स्ट्रक्चर 8 और 10 mm की मामूली छड़ो से बांधी गई। वही सीमेंट की दीवार खड़ा करने के लिए बनाई गई छड़ो की जालियों में भी इतना ज्यादा स्पेस रखा गया है कि ये जालियां सीमेंट के स्ट्रक्चर को मजबूती से खड़ा रखने में ही नाकाम हो गई। छड़ों का उपयोग नाम मात्र का किया गया प्रतीत हो रहा है। यही नही सीमेंट का उपयोग भी नाम मात्र का दिख रहा है वहीं गिट्टियां भी जरूरी गुणवत्ता के विपरीत ही लग रही हैं। कुल मिलाकर कहें कि ठेकेदार ने  विभाग के जवाबदार नौकरशाहों से मिलीभगत कर लागत की थोड़ी मोड़ी रकम से दिखावे का एनीकट बना सरकारी पैसे की बंदरबाट कर ली। जिसके चलते आसपास के किसानों की खेती का अहम आधार बना ये एनीकट टूट कर जमीदोज हो गया। इससे ग्रामीणों में रोष का आलम है।

बता दें कि नदी के इर्द गिर्द बसे दर्जनों गांवों के किसानों की खेती इस एनीकट के टूट जाने से प्रभावित होगी। आपको जानकर हैरानी भी होगी कि उक्त एनीकट का निर्माण दो दो इंजीनियरों की देखरेख में हुआ था। साथ ही उच्च अधिकारियों की भी इस पर नियंत्रण की जवाबदेही थी। बावजूद इसके दो दो इंजीनियरों के मार्फत भी विभाग एक मजबूत और टिकाऊ एनीकट बनाने में नाकाम साबित हो गया। अब  सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी नाकामी और कारगुजारियों पर पर्दा डालने के लिए एनीकट टूटने का मेन रीजन पानी को ही बता रहे हैं। हालांकि ठेकेदार गोरेलाल गुप्ता को तलब करने की बात कहते हुए महज इंजीनियरों को कुछ परसेंट दोषी बता कर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपना दामन बचाने की कोशिश कर रहे हैं।