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पढ़ी बातों को व्यवहारिक प्रयोग में लाने में छत्तीसगढ़ के बच्चे कमजोरः रिपोर्ट

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Feb 5, 2018

**रायपुर/धमतरी**। किताबों में पढ़ी बातों को व्यवहारिक प्रयोग में लाने में छत्तीसगढ़ के बच्चे कमजोर हैं। दरअसल ASER(ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एज्युकेशन रिपोर्ट) के सर्वे में ये खुलासा हुआ है। हालांकि छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों और युवाओं में पढ़ाई का स्तर पहले से बेहतर हुआ है। **गणित और अंग्रेजी विषय कमजोर...** इंटरनेट और कम्प्यूटर का इस्तेमाल भी बढ़ा है, लेकिन किताबों में पढ़ी बातों को बच्चे रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। गणित के कई सवाल जब बच्चों से पूछे गए, तो बहुत कम बच्चे ही जवाब दे पाने में सक्षम थे। यानि कुल मिलाकर पिछले साल की रिपोर्ट में बच्चों का गणित और अंग्रेजी विषय कमजोर होने की जो बातें सामने आई थीं। यही समस्या इस साल भी बनी हुई है। **पिछले साल से हुआ सुधार...** हालांकि पिछले साल से इस साल में सुधार हुआ है, लेकिन गुंजाइश अभी भी बाकी है। सर्वे में कई संतोषजनक तथ्य भी सामने आए हैं, जैसे लड़कियां ,लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, बुनियादी गणित में भी लड़कियों की समझ ज्यादा अच्छी है। ASER(ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एज्युकेशन रिपोर्ट)की ये बारहवीं रिपोर्ट है, जिसमें देशभर के 24 राज्यों के 28 ग्रामीण जिलों के 1641 गांवों में ये सर्वे किया गया है। छत्तीसगढ़ में धमतरी जिले के 60 गांव के 956 घरों में ये सर्वे किया गया है, जिसमें 14 से 18 साल के वर्ग को शामिल किया गया है। पूरी रिपोर्ट को राज्य के शिक्षामंत्री केदार कश्यप ने संतोषजनक बताया है, साथ ही ये भी कहा कि जो कमियां सामने आई हैं, उन्हें दूर करने की कोशिश की जा रही है।