Aug 6, 2019
मनोज मिश्ररेकर- जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देकर भारत से अलग करने वाली धारा 370 को कल राष्ट्रपति के आदेश के बाद केंद्र शासन ने हटा दिया है। इस धारा के हटते ही देशभर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़ कर खुशियां मनाई। इसी कड़ी में राजनांदगांव के जयस्तंभ चौक में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को मिठाई बांटकर इसे सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया।
भाजपा के एजेंडे में भी इस धारा को हटाया जाना था शामिल
केंद्र सरकार के द्वारा भारत के राष्ट्रपति के आदेश से कल जम्मू कश्मीर की आर्टिकल 35-ए की धारा 370 को हटा दिया गया है। इस धारा के तहत जम्मू कश्मीर भारत का अंग होकर भी, भारत का नहीं था। इसके अलावा कई ऐसे कानून थे जो कश्मीर के लिए लागू नहीं थे। काफी लंबे समय से इस धारा को हटाने की मांग की जा रही थी। वहीं भाजपा के एजेंडे में भी इस धारा को हटाया जाना शामिल था। धारा 370 हटाए जाने की सूचना के बाद राजनांदगांव शहर के जयस्तंभ चौक में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े और इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए एक दूसरे का मुंह मीठा किया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि राजनीति के इतिहास में यह गर्व का दिन है। आर्टिकल 35-ए के तहत धारा 370 को हटाने का जो फैसला किया है, इससे पूरा भारत एक होगा।
अब होगा एक देश और एक ध्वज
आर्टिकल 35-ए के धारा 370 के तहत कश्मीर भारत का अंग होते हुए भी पूरी तरह से भारत का नहीं था। इस राज्य का अपना अलग झंडा था, वहीं यहां के नागरिकों को भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करने की बाध्यता भी नहीं थी। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास कश्मीर और भारत की दोहरी नागरिकता थी। इस धारा के तहत भारत के दूसरे राज्य के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे। जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, जबकि भारत के अन्य राज्यों में विधान सभा का कार्यकाल 5 वर्ष का है। धारा 370 की वजह से जम्मू कश्मीर में आरटीआई और सीएजी जैसे कानून लागू नहीं थे। इसके अलावा धारा 370 की वजह से पाकिस्तानियों को भारतीय नागरिकता मिल जाती थी। धारा 370 कई तरीके से कश्मीर को भारत से विभाजित करता था, जिसे केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया है। वहां यह अब केंद्र शासित प्रदेश होगा। अब एक देश और एक ध्वज भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में जम्मू कश्मीर में भी नजर आएगा। 15 अगस्त से पूर्व इस तरह के फैसले का देश भर में स्वागत हो रहा है।