Feb 1, 2018
**रायपुर**। राज्य में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने 2022 का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपए का फंड भी जारी किया है। सरकार विकास कार्यों कनेक्टिविटी और ऑपरेशन की मदद से बस्तर में शांति लाने के लिए प्रयास कर रही है।
जानकारों के मुताबिक इस बजट में विकास की राशि को बढ़ाने की जरूरत है। केंद्र और राज्य के बजट से सड़क, कनेक्टिविटी और जवानों पर होने वाले खर्च को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
**सड़कों का नेटवर्क जरुरी...**
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों की मानें तो बस्तर के अंदरुनी इलाकों में अब भी सड़क का नेटवर्क नहीं है। मुख्य मार्ग तो बन गए हैं, लेकिन अंदरुनी इलाकों में सड़कें नहीं हैं। सड़कें न होने के कारण नक्सलियों की मौजूदगी की सूचनाएं पुलिस कैंप तक तीन से पांच दिन में पहुंच रही हैं। जब तक पुलिस उन नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन प्लान करती है, तब तक वे दूसरे गांव पहुंच चुके होते हैं।
**मोबाइल नेटवर्क स्थापित हो...**
सरकार का मानना है, कि बस्तर में मोबाइल नेटवर्क स्थापित होने के बाद इंटेलिजेंस को नक्सलियों के मूवमेंट के बारे में जानकारी मिलनी तेज हो जाएगी, जिससे उनकी हर हरकतों पर नजर रखा जा सकेगा। इसीलिए बजट में मोबाइल टावर के लिए राशि की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
**नहीं किया बजट से समझौताः पैकरा**
वहीं छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि बजट में सरकार ने सड़क, बिजली और मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए विशेष प्रावधान किया है। प्रदेश की रमन सरकार ने सुरक्षा के लिए कभी भी बजट से समझौता नहीं किया है। नए वित्तीय वर्ष के लिए भी इसके लिए अलग से राशि का प्रावधान का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी सरकार की ओर से सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक बस्तर के हर जिले में हेलिकाप्टर को रात में उतारने के लिए नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। गौरतलब है कि अब तक सात जिलों में 15 हैलिपैडों में नाइट लैंडिंग सुविधा उपलब्ध है।