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तख़तपुरः नेवरा में आयोजित हरेली तिहार पर जम कर मजे लूटे सीएम भूपेश बघेल ने

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Aug 2, 2019

अभिषेक सेमर- किसी राज्य में शासन अगर मूलनिवासी के हाथों में हो तो वहाँ की संस्कृति और परंपरा किस तरह संवर्धित होता है, इसकी गवाही तख़तपुर के ग्राम नेवरा में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल द्वारा मनाए गए हरेली तिहार के आयोजन ने दे दिया। जहां ठेठ छत्तीसगढ़िया आयोजन को देख कर सभी ने कहा कि अब लगा है छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ जैसा। तख़तपुर क्षेत्र का नेवरा गांव छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक इतिहास में दर्ज हो गया। यहाँ छत्तीसगढ़ के निर्माण के बाद पहली बार किसी पारंपरिक त्यौहार को मनाने शासन के मुख्या स्वयं उपस्थित रहे। यह पहला अवसर था जब छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार हरेली को मनाने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री स्वयं उपस्थित रहे और प्रशासन ने इस आयोजन को पूरी तरह से छत्तीसगढ़िया रूप देते हुए छत्तीसगढ़ के खेल व्यंजन और सांस्कृतिक परंपराओं को क्रियान्वित किया।

पहला अवसर था जब किसी पारंपरिक त्यौहार को प्रशासन इतनी भव्यता के साथ मनाया

छत्तीसगढ़ में पहली बार हुए इस आयोजन का उल्लेख स्वयं शासन के मुखिया ने अपने उद्बोधन में किया। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब छत्तीसगढ़ के किसी पारंपरिक त्यौहार को प्रशासन इतनी भव्यता के साथ मना रहा है। यह पहला अवसर है, जब छत्तीसगढ़ के किसी त्यौहार के लिए शासन ने छुट्टी घोषित की है। यह पहला अवसर है, जब किसानों को 25 सौ रुपए में धान की कीमत मिली है। यह पहला अवसर है जब किसानों का ऋण माफ हुआ है। यह पहला अवसर है, जब किसी सरकार ने ग्रामीण परिवेश के महत्वपूर्ण घटकों नरवा गरवा घुरवा और बारी के संरक्षण का संकल्प लिया है और उस दिशा में शासन के काम भी कर दिखाया है। अब वास्तव में लग रहा है कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ियों की सरकार है।

26 अन्य को गौठानों का लोकार्पण भी किया गया

यहां पर बने का गौठान के साथ 26 अन्य को गौठानों का लोकार्पण कल किया गया। छत्तीसगढ़ के पूरे प्रदेश में इसी तरह से गौठान बनाए जाएंगे। उस गौठान में आने वाले पशुओं के लिए चारे की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि कोई चारा घोटाला न हो। पूर्ववर्ती सरकार में चारा घोटाला छत्तीसगढ़ में भी होता था। गौशाला संचालकों को करोड़ों रुपए चारे के लिए दिए जाते थे लेकिन गौशाला में गायें भूख के कारण मर जाती थी और उनके मानस हड्डी चमड़ी सब बेचकर गौशाला संचालक अपना घर भर लेते थे। लेकिन यहां पर हमने चारे के लिए फण्ड का कोई प्रावधान ही नहीं रखा है। गौठान के आसपास ही पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था होगी। इस गौठान से कई तरह के फायदे मिलेंगे। यहां पर पशुओं को रखकर उनके गोबर से खाद और गोबर गैस बनाया जाएगा। यहां से डेयरी उत्पादन होगा, जिससे ग्रामीण परिवेश के बच्चों को दूध मिलेगा। हमारे छत्तीसगढ़ में 40% बच्चे कुपोषित हैं, इस योजना के गौठान के दूध बाड़ी की सब्जी और फल से कुपोषित बच्चों को सुपोषण दिया जा सकता है।

तीजा, कर्मा और आदिवासी दिवस पर भी छुट्टी की घोषणा

हमारे साथी अरपा के अस्तित्व के लिए आंदोलन कर रहे थे यदि उसमे गिरने वाले नालो की सफाई कर दिया जाए तो अरपा स्वतः पुनर्जीवित हो जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वयं लट्टू चलाया, गेड़ी चढ़े, नारियल फेंका, कृषि यंत्रों और गाय-बैलों की पूजा की। अलग-अलग विभाग के स्टालों का निरीक्षण किया। इसके पूर्व लगभग 1 बजे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गनियारी हाई स्कूल मैदान के हैलीपेड में उतरे और गनियारी में बने आजीविका आंगन का लोकार्पण किया और वहां कार्यरत महिलाओं से संवाद किया। नेवरा में यहां के प्रशिक्षण केंद्र की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मरवाही क्षेत्र में लाख का उत्पादन बहुत होता है। इसका उपयोग अब हमारी बहने चूड़ियां बनने में करेंगी। इन चूड़ियों को पहनकर हमारी बहने गर्व से कहेंगी कि चूड़ियों को हमारे बीच की बहनों ने बनाया है। इस केंद्र में 650 महिलाओं को रोजगार के अवसर देकर आत्मनिर्भर बनाया गया है। उन्होंने उपस्थित जन समूह को हरेली की बधाई देते हुए बताया कि हमारी सरकार ने तीजा, कर्मा और आदिवासी दिवस पर भी छुट्टी की घोषणा की है।