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सीएम रमन ने शिक्षाकर्मियों को दी संविलियन की सौगात

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Jun 11, 2018

आखिरकार आज प्रदेश के लाखों शिक्षाकर्मियों के चेहरे पर मुस्कान की घड़ी आ ही गई, संविलियन की मांग को लेकर सालों से सरकार की ओर टकटकी निगाह रखे शिक्षाकर्मियों को संविलियन का तोहफा मिल ही गया। अंबिकापुर में विकास यात्रा के दौरान आयोजित सभा में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन का ऐलान कर दिया। रमन सरकार के इस बड़े ऐलान के बाद सियासी गलियारों में इस बात की जमकर चर्चा है कि चुनाव के पहले यह बीजेपी का बड़ा ब्रम्हास्त्र बनेगा। सियासी फायदा पार्टी के पक्ष में जाएगा और मिशन 65 का लक्ष्य साधने की दिशा में रमन सरकार का यह फैसला मिल का पत्थर साबित होगा।

बीजेपी ने कांग्रेस से छीना सियासी मुद्दा
छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों की संविलियन की मांग सिर्फ एक मांग ही नहीं थी सत्ताधारी दल बीजेपी के लिए यह किसी पहाड़ पर चढ़ने जैसा फैसला था, तो विरोधी दल यानी कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सियासी मुद्दा। दरअसल यह मुद्दा एक बड़े वोट बैंक को साधने का था सत्ता की दहलीज पर चौथी बार दस्तक देने की तैयारी कर रही मौजूदा बीजेपी सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती थी चुनाव की तेज होती आहटों के बीच यदि सरकार शिक्षाकर्मियों के संविलियन के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं करती, जो मुमकिन था चौथी पार सत्ता में काबिज होने के इरादे पर सवाल खड़ा हो जाता, लिहाजा विकास यात्रा के दौरान अंबिकापुर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने बड़ा फैसला लेते हुए संविलियन का ऐलान कर दिया रमन के इस ऐलान के बाद सियासत की गलियारों में इसे मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है अंबिकापुर की सभा में संविलियन का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के पीछे प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन उन्हें मिलने वाली सुविधाओं में एक बड़ा अंतर रहा है पिछले दिनों शिक्षाकर्मियों की मांगों की मांगों के विस्तृत अध्ययन के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट 8 जून को सरकार को मिल गई है रिपोर्ट के अध्ययन के बाद सरकार ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन को हरी झंडी दे दी है मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही कैबिनेट की बैठक बुलाकर शिक्षाकर्मियों के संविलियन के मसौदे पर मुहर लगा दी जाएगी।

संविलियन की घोषणा का शिक्षाकर्मियों ने किया स्वागत 
मुख्यमंत्री डॉ रमन ​सिंह द्वार संविलियन की घोषणा का शिक्षाकर्मियों ने स्वागत किया है इसके लिए शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है नगरीय निकाय शिक्षक पंचायत मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि शिक्षाकर्मी पिछले 23 सालों से अपनी संविलियन की मांग को लेकर संघर्षरत थे जिसके बाद अब उन्हें सफलता हासिल हुई मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद वे नये शिक्षा सत्र में बड़े ही उत्साह के साथ स्कूलों में जाकर बच्चों अध्ययन करायेंगे। दुबे ने कहा की सीएम की इस घोषणा से सभी शिक्षाकर्मियों के साथ सा​थ उनके परिवार के भी चेहरे​ लिख गये है जिसके लिए उन्होंने डॉ रमन सिंह को बहुत बहुत धन्यवाद दिया है।

पीसीसी चीफ भूपेश बघेल का एक बड़ा बयान

शिक्षाकर्मियों के संविलियन के एलान पर पीसीसी चीफ भूपेश बघेल का एक बड़ा बयान सामने आया है भूपेश बघेल ने पूछा है कि 38 से अधिक शिक्षाकर्मियों की मौत हो गई है इसका जवाब कौन देगा? भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि सरकार ने 2003 में सरकार बनने के बाद पहले ही दिन संविलियन कर दिये जाने की बात कही थी  लेकिन संविलियन करने में बीजेपी सरकार को 15 साल लग गए।
बहरहाल शिक्षाकर्मियों का संविलियन किए जाने के ऐलान के साथ ही एक बड़ा सियासी मुद्दा विपक्ष के हाथों बीजेपी ने छीन लिया। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मुद्दा छीन लिए जाने के बावजूद आगामी चुनाव में क्या शिक्षाकर्मियों की ओर से जनमत बीजेपी के पक्ष में जाएगा।