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महानदी को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच विवाद जारी

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Apr 25, 2018

महानदी को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच विवाद खत्म होता नजर नहीं आ रहा है ओडिशा सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार की महानदी पर प्रस्तावित नई परियोजना मोहमेला सिरपुर बैराज का कड़ा विरोध दर्ज किया है। ओडिशा ने बैराज के लिये शुरु किये गये टेंडर प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की है इसे लेकर ओडिशा ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र भी भेजा है हालांकि इधर छत्तीसगढ ने ओड़िशा की आपत्ति पर दो टूक बयान दिया है और कहा है कि ओडिशा जिन मुद्दों को लेकर बैराज निर्माण को अवैध बता रहा है, वह बेबुनियाद है।

बैराज निर्माण का ओडिशा ने किया कड़ा विरोध 
छत्तीसगढ़ सरकार महानदी पर मोहमेला सिरपुर बैराज का निर्माण करा रही है इस बैराज निर्माण का ओडिशा ने कड़ा विरोध किया है महानदी पहले से ही ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच विवाद का बड़ा कारण रही है, अब यह बैराज विवाद को बढ़ाता दिख रहा है ओडिशा के जलसंसाधन विभाग के सचिव पी.के.जेना ने छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर इस परियोजना पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है और कहा है कि इस परियोजना के बारे में ओडिशा सरकार को किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई है। 

कोलकाता बेंच के आदेश का दिया हवाला
जेना ने एनजीटी के कोलकाता बेंच के 26 जुलाई 2017 के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें एनजीटी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ सरकार महानदी पर अब कोई भी नया बांध या बैराज निर्माण संबंधी गतिविधि का क्रियान्वयन ओडिशा सरकार की बिना जानकारी या सहमति के नहीं करेगी। 

बैराज के निर्माण के लिये शुरू की टेंडर प्रक्रिया 
ओडिशा के जलसंसाधन सचिव पी.के.जेना ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन ने महानदी पर मोहमेला सिरपुर बैराज के निर्माण के लिये नवंबर 2017 में टेंडर प्रक्रिया शुरु की है और इस परियोजना पर 176 करोड़ रुपये का भारी भरकम खर्च करने जा रही हैै, उन्होनें कहा कि मोहमेला सिरपुर बैराज का निर्माण पूरी तरह से एनजीटी के आदेश का खुले आम उल्लंघन है।

ओडिशा सरकार को बिना सूचना दिये परियोजना का हो रहा निर्माण
जेना ने यह भी कहा कि ओडिशा सरकार को बिना किसी सूचना दिये परियोजना का निर्माण करना सेन्ट्रल वाटर कमीशन के दिशानिर्देशों का भी खुलेआम उल्लंघन है। हालांकि ओडिशा की ओर से लिखी गई चिट्ठी पर राज्य के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दो टूक कहा है कि ओडिशा की आपत्ति का कोई आधार नहीं है ओडिशा एनजीटी के जिन निर्देशों की उल्लंघन की बात कह रहा है, वह बेबुनियाद है। एनजीटी के निर्देशों का छत्तीसगढ़ सरकार पालन करती है, लेकिन सिरपुर बैराज का काम एनजीटी के निर्देश के पहले से शुरू हो चुका है। एनजीटी ने नई परियोजनाओं को लेकर निर्देश जारी किया है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल का बयान
विवाद ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकारों का है, बावजूद इसके इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी छत्तीसगढ़ सरकार को कटघरे में खड़ा किया है कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार की ऐसी हठधर्मिता पहले भी देखी जा चुकी है। 

एकपक्षीय निर्माणकार्य की कड़ी आलोचना 
ओडिशा विधानसभा में महानदी पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक संजय दास बर्मा ने इस मामले को जोर शोर से सदन में उठाया था और महानदी पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किये जा रहे एकपक्षीय निर्माणकार्य की कड़ी आलोचना की थी। संजय दास बर्मा ने इस मामले में केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा था कि केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार को इस नई परियोजना को शुरु करने से तत्काल रोके। हालांकि इस पर अब तक केंद्र की ओऱ से किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है।