May 1, 2020
आशुतोष तिवारी : कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश मे लॉक डाउन किया गया है और इस लॉक डाउन की वजह से मजदूरों के साथ साथ किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लॉक डाउन की वजह से एक तरफ जहां बस्तर के किसानों का बुरा हाल है ऊपर से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। बस्तर के किसानों को दोनों ही वजह से काफी नुकसान हुआ है और अब वे कर्ज में भी डूब गए है जिसके चलते किसान राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है।
बेमौसम बारिश की वजह से किसानों को हुआ नुकसान
जिले के बकावंड ब्लॉक में लॉकडाउन और बेमौसम बारिश की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में मूली गांव में रहने वाले किसान महेश चंद्राकर के पास पहुंचे। महेश चंद्राकर ने बताया कि उनके पास 8 एकड़ की भूमि है जिसमे उन्होंने सब्जी उगाया था। किसान ने बताया कि उन्होंने लगभग 10 से 12 लाख रु लागत लगाकर लौकी और तोरई का खेती किया था लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन और बेमौसम बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। किसान ने जितना लागत लगाया था उसका 5% भी लागत नही निकल पाया। लिहाजा उन्हें फसल बर्बाद होने से काफी नुकसान उठाना पड़ा। साथ ही उनके खेत में लगाए गए ग्रामीण मजदूरों को भी उनकी रोजी देने के लिए लाले पड़ गये हैं। किसान महेश चंद्राकर ने बताया कि उन्होंने 8 लाख रुपए से अधिक बैंक से लोन लिया है। इसके अलावा अन्य लोगों से भी भारी रकम कर्जा लिया है और यह पूरा पैसा उन्होंने ब्याज में लिया है। औऱ अब बारिश और लॉक डाउन की वजह से उनकी फसल बर्बाद हो चुकी है और दूर-दूर तक लागत की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में किसान ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
किसान ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
महेश चंद्राकर ने बताया कि उनके जैसे इस इलाके में ऐसे कई किसान हैं जिन्होंने काफी लागत लगाकर खेती-बाड़ी शुरू की लेकिन कोरोना वायरस की महामारी और बेमौसम बारिश ने उन्हें ले डूबा और वे अब गले तक कर्जे में डूब गए हैं। फसल तो बर्बाद हुआ ही अब कर्जा चुकाने के साथ ही अगले सत्र के लिए फसल लगाने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं हैं और स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। लिहाजा अब सरकार की मदद ही उनका एक आखरी सहारा है।








