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जर्जर भवन में पढ़ने के लिए मजबूर हैं बच्चे, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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Dec 6, 2018

रमेश भट्ट - छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का बेहकर माहौल देने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है कोटा विकास खण्ड के बैगापारा का यह प्राथमिक विद्यालय इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी गिर सकता है। विकासखंड कोटा से 7 किलोमीटर दूर ग्रामपंचायत झिंगटपुर के  बैगापारा़ गांव के प्राथमिक विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है हालात यह है कि भवन कभी भी जमींदोज हो सकता है।

नया भवन बनवाने के लिए की गुहार

लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही से आज भी छात्र इसी जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर है इलाके के मुखिया, शिक्षक और बच्चे खतरें की आशंका को देखते हुए नया भवन बनवाने के लिए गुहार कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से डर का माहौल बना हुआ है। जहां एक ओर छत्तीसगढ़ शासन  ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का बेहतर माहौल देने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

बरामदें में पढ़ा रहे शिक्षक

झिंगटपुर के बैगापारा का यह प्राथमिक विद्यालय इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी गिर सकता है। 35-40  छात्र-छात्राओं वाले इस विद्यालय के कमरे जब जर्जर हो गए तो शिक्षकों ने बरामदें में पढ़ाना शुरू कर दिया, लेकिन अब बरामदा भी जर्जर हो चुका है क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि नए विद्यायल भवन को लेकर उन्होंने  लोकसुराज और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई गई है। वहीं इस मामले को लेकर विकास खंड शिक्षा अधिकारी प्रतिभा मंडलोई ने कहा कि स्कूल भवन जर्जन होने की खबर से वे अनभिज्ञ थे, लेकिन जैसे ही उन्हें इस खबर का पता चला, वैसे ही गांव के किसी सामुदायिक भवन में बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए हैं।