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शराब की दुकानों में हुई बंदरबांट, करोड़ों के आयकर की चोरी

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Mar 7, 2019

रूपेश गुप्ता- देश में सबसे ज्यादा शराब खपत करने वाले छत्तीसगढ़ में जिन लोगों ने सरकार से दुकानें लेकर शराब बेची और करोड़ों रुपये कमाया, उन लोगों के द्वारा एक रुपये का भी आयकर नहीं भरा गया। ये खुलासा आरटीआई से मिले दस्तावेज़ से हुआ है। इस बात की शिकायत शिकायत आयकर विभाग और ईओडब्ल्यू से की गई है। जनता कांग्रेस प्रवक्ता नितिन भंसाली ने छत्तीसगढ़ के शराब ठेकेदारों के ऊपर फर्जी तरीके से शराब दुकान हासिल करने का आरोप लगाया है। भंसाली का आरोप है कि शराब ठेकेदारों ने अपने स्टाफ, नौकर, चौकीदार, ड्राइवर, किसान, मजदूर, रिश्तेदार इत्यादियों के नाम पर शराब की दुकानें हासिल की। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस पूरे मामले में शराब ठेकेदारों ने करोड़ों अरबों रुपये के इनकम टैक्स की चोरी की है।

एक-एक ठेकेदार द्वारा 300 से लेकर 500 और उससे भी कहीं ज्यादा फार्म भरे जाते

मामला 2012 से 2017 के बीच का है। इस दौरान छत्तीसगढ़ में शराब की दुकानों का आबंटन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाता था। सरकार द्वारा शराब दुकान के लिए निविदा आमंत्रित किया जाता था. शराब दुकान हासिल करने के लिए एक-एक ठेकेदार द्वारा 300 से लेकर 500 और उससे भी कहीं ज्यादा फार्म भरे जाते थे। इन फार्मों को भरने के लिए निविदा की शर्तों के मुताबिक पैन कार्ड होना आवश्यक रहता था। आरोप है कि शराब ठेकेदारों द्वारा अपने घर और आफिस में काम करने वाले स्टाफ, स्टाफ के रिश्तेदार, किसान, ड्राइवर, नौकर-नौकरानियों इत्यादि के नाम पर पैन कार्ड बनवाया जाता था और इन लोगों के नाम पर फार्म भर कर निविदा प्रक्रिया में शामिल होते थे। जिन लोगों के नाम पर फार्म भरे जाते थे, उनमें से ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं होती थी।