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आरंगः मानवता शर्मसार, महिला शौचालय में रखा गया मृतक का शव

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Jul 5, 2019

टुकेश्वर लोधी- एक बार फिर आरंग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा मानवता को शर्मसार कर देने वाला कृत्य देखने को मिला है। आधी रात में बिहार राज्य का रहने वाला 21 वर्षीय युवक मिथिलेश दास बाइक से आरंग की ओर आ रहा था। आरंग से कुछ पहले ग्राम पारागांव में उसकी तेज रफ्तार बाइक सड़क किनारे खड़ी ट्रक के पीछे जा घुसी। दुर्घटना में मिथिलेश की मौके पर ही मृत्यु हो गई। सूचना पर पहुंची आरंग पुलिस मिथिलेश की लाश को रात के मद्देनजर आरंग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित रखने पहुंची। यहाँ के स्टाफ द्वारा एक बार फिर संवेदनहीनता दिखाते हुए लाश को अस्पताल के ही बदबू से बजबजाते महिला शौचालय कक्ष में रखवा दिया गया, जो कि अभी तक वहीं रखा हुआ था क्योंकि मृतक के परिजनों के बिहार से अभी तक नहीं पहुँचने के कारण मर्ग पंचनामा कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं की जा सकी।

लाशों को रखने के लिए केंद्र में जगह नहीं -बीएमओ

बड़ा सवाल यह उठता है कि आरंग के इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को लाशों के प्रति जरा भी दया क्यों नहीं आती ? इससे पहले भी लाशों को इस तरह अस्पताल के शौचलयों में रखने की घटना सामने आ चुकी है। इसे लेकर हंगामा भी मचा था, लेकिन केंद्र प्रबंधन है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक बार फिर ऐसा ही शर्मनाक वाक्या हुआ है। जब हमारे संवाददाता किसी काम से अस्पताल पहुंचे तो उसे यह शर्मनाम दृश्य दिखाई दिया, जिसे वे कैमरे में कैद करने लगे तो वहाँ के स्टॉफ ने शौचालय में ताला जड़ दिया। इस घटना के बारे में जब उसने बीएमओ डॉ. के.एस. राय से फोन पर जवाब तलब किया तो उन्होंने खुद को मीटिंग के चलते रायपुर में होना बताते हुए कहा कि लाशों को रखने के लिए केंद्र में जगह नहीं है। आप लोग इसे दिखाइए, तो शायद शासन अतिरिक्त कक्ष निर्माण करे। डॉ. रॉय की यह दलील सही भी है, लेकिन उन्हें भी सोचना चाहिए कि जीवित रहते भले ही व्यक्ति को सम्मान न मिले, लेकिन कम से कम मृत्यु के बाद तो उसे यह हक मिले ? क्या अस्पताल में वाकई में इस कदर जगह की कमी है कि एक लाश रखने के लिए शौचालय के सिवाय कोई और जगह केंद्र प्रबंधन को नहीं मिलती? बताना जरूरी है कि आरंग छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया का विधानसभा क्षेत्र है।