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कोरबाः प्रसूति के बाद कथित मृत नवजात को 5 दिन तक रखा गया मरचूरी में

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Jun 6, 2019

मनोज यादव- जिला चिकित्सालय का विवादों से पुराना नाता है। इन दिनों एक नया बखेड़ा यह हो गया है कि प्रसूति के बाद कथित मृत नवजात को 5 दिन तक मरचूरी में रखा गया। जन्म लेते ही यदि शिशु की मौत हो गई थी, तो आखिर 5 दिन बाद इसकी सूचना पुलिस को क्यों दी गई।

आईएसओ प्रमाणित जिला चिकित्सालय में एक न एक नये बखेड़े होते ही रहते हैं। अभी-अभी भूत का फैलाव व रमजान खत्म ही हुआ है कि नवजात की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए। दीपका निवासी एक गर्भवती महिला ने 28 मई को एक शिशु को जन्म दिया था। शिशु मृत पैदा हुई थी। बताया जा रहा है कि दो सौ रूपये लेकर शिशु को मरचुरी में रख दिया गया।

जिस महिला ने कन्या शिशु को जन्म दिया है, उसकी कहानी भी दुर्भाग्यजनक है। उसका पति पहले से शादीशुदा था, उसने दूसरी शादी पीड़िता से की। जब उसे मालूम हुआ कि उसकी दूसरी पत्नी गर्भवती हो गई है तो वह सामान लेकर रफूचक्कर हो गया। पीड़िता जब उसे कॉल करती तो उसके मोबाइल स्विच ऑफ मिलता है।

पीड़िता का आरोप कि उसकी पुत्री जिंदा थी, उसे बदला गया

पीड़िता संतोषी की मां प्रेमबाई का कहना है कि उसकी पुत्री ने मृत शिशु को जन्म दिया था। इसकी पुष्टि नर्सों ने की थी। संतोषी का आरोप है कि उसकी पुत्री जिंदा थी, उसे बदला गया है। अब वह सबको कोर्ट ले जाने की चेतावनी भी दे रही है। इस पूरे मामले का एक बड़ा सवाल यह है कि जब शिशु की मौत 28 मई को ही हो गई थी तो 4 जून को उसकी मौत की सूचना पुलिस को क्यों दी गई। आखिर 7 दिन तक शिशु को कहां रखा गया। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी भेसदास महंत ने बताया कि जिला अस्पताल से मिले मेमू के आधार पर पीड़िता का बयान दर्ज किया गया है।

इस मामले में कुछ पेंच है, जिनका सुलझना भी जरूरी है क्योंकि प्रसूता गरीब थी इसलिए चिकित्सा स्टाफ द्वारा घोर लापरवाही बरती गई। इसमें कोई दो राय नहीं कि पीड़िता का जो संशय है उसे भी दूर करना आवश्यक है।