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महासमुदः किसानों के हित में कर्ज माफी की घोषणा बनी कमीशनखोरी का जरिया

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Jun 28, 2019

रेखराज साहू- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का शासन आने के बाद किसानों के हित में कर्ज माफी की घोषणा की गई। शासन की इसी मंशा को कुछ लोगों ने कमीशनखोरी का जरिया बना लिया है। सुनकर थोड़ा आश्चर्य जरूर लगता है, पर महासमुंद जिले में यह हकीकत सामने निकलकर आई है। किसानों से कर्ज माफी और नया ऋण देने के साथ-साथ खाद-बीज देने के नाम पर नवागांव सोसायटी के कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा तीस प्रतिशत कमीशन मांगा जा रहा है। कमीशन नहीं देने पर शासन की योजनाओं से किसानों को वंचित करने की धमकी भी दी जा रही है। किसानों ने इस बात की शिकायत एफिडेविट के साथ कलेक्टर से की है।

कर्ज माफी के बदले मांगे जा रहे कमिशन की शिकायत लेकर किसान पहुंचे कलेक्टर के पास

किसानों के बोझ को कम करने छत्तीसगढ़ में सरकार ने किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की है, लेकिन सरकारी नुमाइंदे इसी कर्ज माफी का धौंस दिखाकर किसानों से कमिशन लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं। महासमुंद के कलेक्टर परिसर के सामने खड़े किसान, जिनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई देखी जा सकती हैं। ये किसान किसी योजना के तहत मांग करने नहीं आये है बल्कि कर्ज माफी के बदले मांगे जा रहे कमिशन की शिकायत कलेक्टर से करने पहुंचे हैं। मजबूर और बेबस किसान कलेक्टर से इंसाफ की फरियाद लगा रहे हैं।

किसानों से ऋण माफी का 30 प्रतिशत कमीशन की मांग

दअरसल ये किसान नवागांव पंचायत के है और इनकी सोसायटी नायक बांधा है। नायक बांधा सोसायटी का कम्प्यूट ऑपरेटर रमा चन्द्राकर शासन द्वारा किसानों के कर्ज माफी किये जाने के बावजूद इन किसानों से रिकार्ड में कर्ज समाप्त करने व नया ऋण देने के साथ-साथ खाद-बीज देने के एवज में किसानों से ऋण माफी का 30 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहा है। कमीशन न देने पर किसानों को ऋण नहीं देने की धमकी भी दे रहा है। लाचार और बेबस किसानों ने मरता क्या न करता की स्थिति में आ गये हैं। किसान पवन सिन्हा ने 15 हजार रूपये औऱ किसान राम खिलावन सिन्हा ने 25 हजार रूपये ऑपरेटर को दे दिये। इन किसानों को उम्मीद थी कि ये पैसा पाने के बाद ऑपरेटर उन्हें ऋण देगा और अपनी खेती किसानी कर सकेंगे। परन्तु इसके बावजूद ऑपरेटर द्वारा शेष राशि के भूगतान करने का दबाव बनाया जा रहा है। ऋण मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखती देख किसानों ने पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा के साथ शपथ पत्र तैयार कर पूरे मामले कि शिकायत कलेक्टर से की है।

कलेक्टर ने दिया जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन

कर्ज माफी के एवज किसानों से कमिशनखोरी के इस मामले ने प्रशासन को सख्ते में डाल दिया है। मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर शिकायत मिलने की बात को स्वीकार करते हुए जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण कर्जमाफी पर सियासत गरमाई हुई है। सरकार जहां एक तरफ घोषणा पत्र के अनुसार किसानों का कर्ज माफ कर रही है, वहीं रमा चन्द्राकर जैसे लोग शासन की छवि को गिराने पर आतुर हैं जो प्रशासनिक कार्य प्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।