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छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़, अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास में नहीं बना 10 दिनो से खाना

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Jul 27, 2018

डब्बू ठाकुर - शहीद नूतन सोनी शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में अध्ययनरत इन छात्रावास के छात्रों के द्वारा छुटटी के लिये दिया गया आवेदन पत्र से खुलासा होता है कि छात्रावास में पिछले दस दिनों से छात्रों के लिये चांवल नहीं होने की वजह से भोजन नहीं पकाया जा रहा है छात्र बगैर भोजन किये ही दिन रात काट रहे हैं ऐसे में भूखे भजन ना होय गोपाला वाली कहावत यहां भी लागू होती है कि कैसे ये बच्चे भूखें पेट शिक्षा ग्रहण करेंगें वहीं बच्चों की देखभाल करने नियुक्त अधीक्षक ही जब छावास से नदारत हों तो बच्चे किससे अपनी समस्या का हल करने को कहेंगें।

नियमत किसी भी शासकीय छात्रावास में शासन द्वारा निरीक्षणकर्ता अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है जिनके द्वारा समय-समय पर निरीक्षण कार्य किया जाता है लेकिन यहां तो कागजों में निरीक्षण किया जा रहा है निरीक्षण नहीं किये जाने से अधीक्षक की लापरवाही और छात्रों की समस्याऐं सामने नहीं आ रही है जिसके कारण बहुत से छात्रों के पालको नें छात्रावास से बच्चों को निकाल लिया है वाजिब है कि जब शासन के बनाये नियमानुसार सुविधाऐं बच्चों को नहीं मिलेगी तो कौन सा पालक अपने बच्चों को सरकारी हास्टल में डालकर उनका भविष्य खराब करेगा।

जब वहीं इस सम्बंध में मीडया द्वारा कोटा एसडीएम कीर्तिमान सिंह राठौड़ से जानकारी चाही तो जाँच के लिए तहसीलदार को भेज कर जाँच कराने की बात कही है जॉच में सही पाए जाने पर छात्रवास अधीक्षक के ऊपर कार्यवाही की बात कही गई बहरहाल देखना होगा कि क्या जिला प्रशासन और आदिवासी विकास के जिम्मेदार अधिकारी इस छात्रावास में रह रहे छात्रों की समस्या और उनके उज्जवल भविष्य को देखते हुए कोई ठोस कदम उठायेगें या फिर कागजों में शासकीय छात्रावास यूं हीं संचालित होता रहेगा।