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कोटाः मधुमक्खी के काटने से वृद्ध की मौत, सूचना के बाद भी नहीं पहुंचा वन अमला

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May 2, 2019

डब्बू ठाकुर- मधुमक्खियों के काटने से बुजुर्ग की मौत हो गई है। यह मामला है वार्ड नं.07 सांधि पारा का। नगर के 75 वर्षीय बुजुर्ग मवेशी चराने के लिए नदी किनारे गया था, जहां पर मधुमक्खियों के द्वारा काटने से उसकी मौत होना बताया जा रहा है। इस मामले में परिजनों की सूचना पर रतनपुर पुलिस, वन विभाग की टीम समाचार लिखे जाने तक मृतक के घर नहीं पहुंची है, जिसके चलते मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है।

पास ही खेल रहे लड़कों ने बीच बचाव किया

मृतक के पुत्र गोलू यादव से मिली जानकारी के अनुसार, उसके पिता भरत लाल यादव पिता दुखी राम यादव उम्र 75 वर्ष सांधी पारा के निवासी है जो कि 15 अप्रैल को भैंस चराने के लिए रतनपुर खुटाघाट नदी किनारे गया हुआ था। शाम 4:30 बजे करीब एक गिद्ध ऊपर से उड़ता हुआ आया और उसने पेड़ पर छत्ता बनाकर रह रहे मधुमक्खियों पर हमला कर दिया। जिसके चलते मधुमक्खियों ने काफी तेजी से उड़ती हुई जाकर उसके पिता भरत लाल यादव को काट लिया। कुछ लड़के वहीं पर खेल रहे थे, जिन्होंने यह घटना देखते हुए तुरंत ही उसे ले जाकर एक घर में छुपाया, तब उसकी जान बच पाई।

108 को फोन कर सूचना देने पर भी वह नहीं पहुंचा

गंभीर अवस्था में देखते हुए बच्चों ने इसकी सूचना उसके पुत्र गोलू यादव को दिया। उन्होंने 108 को फोन कर इसकी सूचना दिया, लेकिन 108 नहीं पहुंचा। तब उन्होंने प्राइवेट गाड़ी कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर में इलाज के लिए वृद्ध भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टरों ने उसकी गंभीर अवस्था को देखते हुए बिलासपुर सिम्स रिफर कर दिया। वहां पर दो दिनों तक उसका इलाज चला, सुधार न होता देखकर डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया। तब वे एस.के.बी. प्राइवेट अस्पताल लेकर गए। वहां भी प्रथम उपचार उपरांत जवाब दे दिया। 29 अप्रैल को अपने पिता को रतनपुर  से लेकर वे अपने घर आ गये। जहां बुधवार प्रातः 04 बजे उनकी मृत्यु हो गई। वहीं परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दिया था। लेकिन वन विभाग की टीम घटनास्थल पर नहीं पहुंची।

वन विभाग कर्मी यदि समय पर आ जाते तो मृतक को बचाया जा सकता था

फिलहाल उन्होंने इस मामले की फिर से सूचना रतनपुर पुलिस के साथ वन विभाग की टीम को दिया, लेकिन बताया जा रहा है कि वन विभाग की टीम मीटिंग में व्यस्त है। वहीं वन विभाग के कर्मी सीसीएफ के साथ रतनपुर दौरे में शामिल है। जिसके चलते मृतक का किसी भी प्रकार से वन विभाग के द्वारा सुध नहीं लिया गया है। जिसके चलते ग्रामीणों के बीच में सवालिया निशान उठ रहा है। उनका कहना है कि यदि मृतक के घर वन विभाग कर्मी पहुंच गए होते तो आज उनके पिता का शायद एक अच्छे अस्पताल में इलाज होने पर बच सकते थे लेकिन पैसों के अभाव में बिलासपुर के अच्छे डॉक्टरों को नहीं दिखा पाए, जिसके चलते उनकी मौत हो गई है।  फिलहाल समाचार लिखे जाने तक परिजन मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। वहीं मृतक का अब तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका है।