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हाथियों ने ली 19 ग्रामीणों की जान, पीड़ित परिवार को दी गई 81 लाख रूपए की क्षतिपूर्ति राशि

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Feb 26, 2020

महासमुंदः महासमुंद वनमंडल में हाथियों ने 19 ग्रामीणों की जान ली है। जनहानि पर पीड़ित परिवार को 81 लाख रूपए की क्षतिपूर्ति राशि दी गई है। विधायक विनोद चंद्राकर के सवाल पर वनमंत्री मो.अकबर ने यह जानकारी दी है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को विधायक विनोद चंद्राकर ने वर्ष 2014-15 से दिसंबर 2019 तक महासमुंद वनमंडल में हाथियों के आंतक को लेकर सवाल उठाया। इस पर जानकारी देते हुए वनमंत्री मो.अकबर ने बताया कि वर्ष 2014-15 में ग्राम छोटेलोरम में एक जनहानि पर तीन लाख, वर्ष 2015-16 में ग्राम अरंड में एक जनहानि पर चार लाख रूपए, वर्ष 2016-17 में ग्राम केडियाडीह, ग्राम अमलोर व ग्राम अछोली में एक-एक जनहानि पर चार-चार लाख रूपए, वर्ष 2017-18 में ग्राम अमावश, खिरसाली, गिरना, कुकराडीह व पीढ़ी में एक-एक जनहानि पर चार-चार लाख रूपए, वर्ष 2018-19 में ग्राम बकमा, बंदुली, बेलर, खैरखुंटा व रीवाडीह में एक-एक जनहानि पर चार-चार लाख रूपए तथा दिसंबर 2019 तक ग्राम परसाडीह में एक जनहानि पर चार लाख रूपए तथा ग्राम तेंदूवाही में एक जनहानि पर छह लाख रूपए, बांसकुडा में दो जनहानि पर 12 लाख रूपए क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की गई है।

घायलों को पांच सौ-हजार रूपए की क्षतिपूर्ति, फसल हानि के दस हजार प्रकरण

वर्ष 2015-16 में दो घायलों में से ग्राम खमतराई निवासी एक घायल को महज पांच सौ रूपए क्षतिपूर्ति राशि दी गई है। वर्ष 2017-18 में पांच घायलों में से ग्राम सिरपुर निवासी व ग्राम बांसकुडा निवासी घायलों को पांच-पांच सौ रूपए क्षतिपूर्ति राशि मिली है। वर्ष 2018-19 में चार घायलों में से ग्राम गुडरूडीह व कपसाखुंटा निवासी दो घायलों को एक-एक हजार की क्षतिपूर्ति राशि दी गई है। वर्ष 2014-15 से दिसंबर 2019 तक हाथियों द्वारा फसल हानि के दस हजार 414 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। विधायक चंद्राकर के सवाल पर जवाब देते हुए वन मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014-15 में आठ प्रकरण, वर्ष 2015-16 में 326 प्रकरण, वर्ष 2016-17 में 2108 प्रकरण, वर्ष 2017-18 में 2230 प्रकरण, वर्ष 2018-19 में 1821 प्रकरण व दिसंबर 2019 तक 3921 प्रकरण फसल हानि के दर्ज किए गए हैं। सभी प्रकरणों में क्षतिपूर्ति राशि प्रदान कर दी गई है और कोई भी प्रकरण भुगतान के लिए लंबित नहीं है।