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शासकीय विभागों में कार्यरत कर्मचारी अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

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Jul 19, 2018

सुनील पासवान : छत्तीसगढ़ प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ द्वारा समस्त जिलों से कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था कि उनकी 4 सूत्रीय मांगों पर जल्द ही सकारात्मक पहल किया जाए लेकिन उसका कोई पहल होते हुए नजर नहीं आई तब जाकर इन्होंने आंदोलन शुरू कर दिया उनकी प्रमुख 4 सूत्री मांगे थी की समस्त अनियमित शासकीय अर्द्धशासकीय कार्यालय के अधिकारियों कर्मचारियों को नियमित किया जाये प्रत्येक वर्ष प्रशासकीय स्वीकृति और बजट के नाम पर सेवा वृद्धि  एवं सेवा से पृथक किए जाने का भय समाप्त कर 62 वर्ष की आयु तक वृत्ति सुरक्षा प्रदान की जाये।

समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए

विगत दो-तीन वर्षों से जिन योजनाओं आवंटन शासन से विभागों में लिया जा रहा है किंतु कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया जा रहा है छटनी की गई है उन्हें सेवा में बहाल किया जावे शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को समाप्त किया जावे वर्तमान में कार्यरत हो उन्हें शासकीय सेवा का दर्जा दिया जाए समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए उनकी इन मांगों पर आज तक शासन के द्वारा कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई इससे अनियमित कर्मचारियों में बेहद असंतोष व्याप्त है।

मांगे पूरी न होने पर की जायेगी भूख हड़ताल

यह प्रदर्शन 16 से 18 जुलाई तक समस्त जिला मुख्यालयों में रहेगा 19 और 20 जुलाई को सभी संभाग मुख्यालयों में तथा 23 जुलाई को समस्त नियमित कर्मचारी राजधानी रायपुर के धरना स्थल से गौरव पथ होते हुए तेलीबांधा तालाब तक मौन रैली निकाल कर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे इतना ही नहीं उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द ही कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता है तो वह क्रमिक भूख हड़ताल प्रारंभ कर देंगे जो कि आमरण अनशन में बदल सकता है जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी उन्होंने यह भी कहा क्योंकि अगर मांग पूरी नहीं होगी तो महामहिम राज्यपाल और राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।