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खाद और बीज की समस्या से परेशान किसान, महंगे दामों में खरीदने को मजबूर

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Jul 5, 2018

बोनी के सीजन में किसान बीज और खाद के लिए भटक रहे हैं सहकारी समिति के दुकानों में धान जैसे स्वर्णा, महामाया और एचएमटी के बीज व खाद की भारी समस्या से किसान परेशान है। सहकारी समिति के दुकानों में खाद व बीज नही होने से किसान प्राइवेट दुकानों से महंगे दामों में खरीदने को मजबूर है । 

सामान्यतया बोनी का सीजन 15 जून से 15 जुलाई तक रहता है इसके बाद बोनी करने से फसलों का विकास उतना नही हो पाता जितना एक अच्छे उत्पादन के लिए होनी चाहिए। वहीं बोनी में लेटलतीफी से फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाता है जिससे पौधों में रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में उत्पादकता प्रभावित होती है किसान जिस अनुपात में फसल उत्पादन के लिए खर्च करता है और उस अनुपात में उत्पादन नही होगा तो निश्चित रूप से किसानों का मनोबल गिरेगा और ऐसी ही परिस्थिति के कारण आज खेती की रकबा में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

अधिकारी कर्मचारी केवल कागजों में बीज और खाद की पर्याप्त उपलब्धता शासन को बता रहे है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है अनेकों सहकारी समिति के दुकानों में आज 20--25 दिनों से स्वर्णा, महामाया व एच एम टी धान के बीज तथा डी ए पी  व यूरिया खाद की समस्या बनी हुई है।

जमीनी हकीकत से दूर मंत्री जी खोखले दावे कर रहे है कि प्रदेश में मांग से अधिक मात्रा में बीज और खाद का भंडारण कराया गया है किसी भी सहकारी समिति में खाद और बीज की समाया नही है। अधिकारियों और शासन को किसानों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है वे केवल झूठी बयान देकर अपने कर्तव्य से मुकर रहे हैं। वहीं दो दिनों से सहकारी समिति के कर्मचारी काम बंद कर आंदोलन कर रहे हैं। सभी तरफ से किसानों का नुकसान नजर आ रहा है अब सवाल यह उठता है कि किसान अपनी समस्या को लेकर किसके पास जाए।