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हौसलों की उड़ान, गृह उद्योग से जुड़ी जरूरतमंद महिलाएँ

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Mar 2, 2019

लोकेश सिन्हा- हौसले बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है, फिर चाहे मंजिल तक पहुँचने के लिए रास्ते में कितनी ही कठिनाइयां क्यों ना आये। गरियाबंद के राजीव लोचन महिला समूह ने भी तमाम कठिनाईयों और दिक्कतों के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से जो मुकाम हासिल किया है, वो आज जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग उनके समूह के कामकाज को देखने दूर दूर से पहुँच रहे हैं। ज़मीन पर बैठकर मसाला बना रही सभी महिलाएँ कामकाजी हैं। जो अपने घर का कामकाज करने के बाद समूह से जुड़कर अपने बलबूते पर मसाला गृह उद्योग स्थापित किया है। समूह की सभी महिलायें ना केवल सफलता के झंडे गाड़ रही हैं, बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। समूह ने इन महिलाओं की जिंदगी बदल कर रख दी है।

जिद करो, दुनिया बदलो

जिद करो, दुनिया बदलो, इसी के तर्ज पर गरियाबंद की राजीव लोचन महिला स्व सहायता समूह की करीब 20 महिलाएं छोटी छोटी राशि बचा कर, आपस में मिलाकर अपने आय के नए साधन तैयार कर रही हैं। अलग अलग समूह की इन 20 महिलाओं द्वारा क्षेत्र स्तरीय राजीव लोचन महिला संघ का गठन कर अपने बचत पूंजी की राशि जोड़कर घरेलू व्यवसाय मसाला उद्योग की शुरूआत की है। महिलाओं ने अपने बचत राशि से बाजार से थोक में सामान खरीदकर घर में धनिया पाउडर, मिर्ची पाउडर, मसाला, हल्दी पाउडर तैयार कर रही है और इसे पैकेटबंद कर घर-घर जा कर बेच रही हैं।

घरेलू व्यवसाय को और अधिक विस्तारित करने की योजना

राजीव लोचन महिला समूह ने इसकी शुरूआत न्युनतम लागत से शुरुआत किया और अपने मेहनत और सच्ची लगन से पहली ही माह में 1400 रूपए का लाभ अर्जित किया है। उसके बाद लगातार महिलाएं इसी के अनुरूप काम में जुट गई हैं और लाभ अर्जित कर रही हैं। इस नई पहल से 20 महिलाओं को नया रोजगार मिला है जिससे उनकी आमदनी बढ गई है। महिलाओं की आर्थिक स्थिति में लगातार इजाफा हो रहा है जिससे समूह की महिलाएं काफी खुश नज़र आ रही हैं। समूह की महिलाएं इस घरेलू व्यवसाय को और अधिक विस्तारित करने की योजना बनाकर काम कर रही है। मिर्च मसाला से महिलाओं का सीधा वास्ता होता है इसलिये महिलाओं द्वारा तैयार किया हुआ मसाला महिलायें ही सीधे महिलाओं तक सफलतापूर्वक पहुंचा रही हैं।

यदि इस महिला स्व सहायता समूह को शासन प्रशासन से सहायता मिलती है तो इस घरेलू व्यवसाय को आगे बढ़ा कर इसमें और अधिक महिलाओं को शामिल कर समूह द्वारा तैयार सामाग्री को हास्टल, आश्रम, मध्यान भोजन सहित अन्य सरकारी संस्था में उपयोग करें तो और महिलाओं की आर्थिक आमदनी बढ सकती है।