Loading...
अभी-अभी:

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण नसबंदी बनी मरीजों के लिए सिरदर्द

image

Dec 25, 2018

हाकिम नासिर : शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओ में से एक नसबंदी योजना अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण मरीजों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। जी हां ,ऐसा ही मामला महासमुंद जिले के जिला चिकित्सालय में सामने आया है। मरीज नसबंदी कराने के लिए दूर -दराज से जिला चिकित्सालय पहुंच रहे है पर अस्पताल में अनिमियतता होने के कारण मरीजो की नसबंदी नही हो पा रही है और मरीज हफ्तों अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर है। जहाॅ मरीज अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इलाज की गुहार लगा रहे है वहीं अस्पताल प्रबंधन अधिक भार से असुविधा होने की बात स्वीकारते हुवे आल इज वेल बता रहा है। 

महासमुंद जिले के जिला अस्पताल में इन दिनों परिवार नियोजन के लिए नसबंदी का कार्य धडल्ले से जारी है । सौ बिस्तर वाले अस्पताल में प्रतिदिन 30 मरीजो का नसबंदी की जा रही है। वर्तमान में आंरग ( रायपुर ), गरियाबंद , बलौदाबाजार जिलो में नसबंदी कार्य बंद होने के कारण ज्यादा मरीजों की संख्या महासमुंद जिले के जिला अस्पताल में आ रहे है और जिला अस्पताल में व्यवस्था ठीक नही होने के कारण मितानिन अपनी मनमानी कर रही है । जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। नियमानुसार फार्म जमा करने के बाद मरीजो को पावती मिलना चाहिए ताकि मरीज को पता चल सके कि उन्हें कब नसबंदी के लिए आना है पर अस्पताल में फार्म जमा करने के बाद किसी भी प्रकार की पावती मरीज के नही दी जा रही है। जिसका फायदा अस्पताल के कर्मचारी व मितानिन उठा रही है। मितानिन अपने मरीजों का बुकिंग तत्काल कर लेती है और जिन्हें उस तारीख पर बुलाया जाता है उन्हें यह कह कर वापस कर दिया जाता है कि आप का फार्म नही मिल रहा है और जनवरी के पहले हफ्ते तक के मरीज प्रतीक्षा सूची में है। इस अव्यवस्था के कारण मरीज एक से दो हफ्ते तक दूर -दराज से आकर अस्पताल के चक्कर काट रहे है । 

इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन चारों तरफ का भार होने से असुविधा होने की बात स्वीकारते हुवे आल इज वेल बता रहे है। गौरतलब है कि मरीजो के अनुसार उनका का फार्म कचरे के ढेर में फेका जाना कही न कहीं अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्थाओं की पोल खोलता है ।