Loading...
अभी-अभी:

बस्तरः गांव वालों पर नक्सलियों के अत्याचार का बढ़ता स्वरूप

image

Apr 16, 2019

छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला नक्सलियों के लिए कुख्यात है. यहां की दरभा घाटी में नक्सलियों ने 32 से ज्यादा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं को मौत के घाट उतार दिया था. इस इलाके के हालात के मद्देनजर CRPF ने यहां अस्थाई कैंप खोला। दरभा के कोलेंग इलाके में नक्सलियों का उत्पात फिर से शुरू हो गया है। यहां नक्सली पूरी मजबूती से अपना प्रभाव कायम करने में लगे हुए हैं। कोलेंग कैंप से महज सात किमी दूर छिंदगुर पंचायत में नक्सली आए दिन आ रहे हैं और ग्रामीणों से मारपीट कर रहे हैं। ग्रामीणों से मारपीट तक की बात तो अंदर ही दब गई, लेकिन दो दिनों पहले नक्सली फिर से इस गांव में आए और गांव वालों को काम करने से भी रोकने लगे। 

गांव वालों पर खेती किसानी करने से भी रोक लगा दी 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां के ग्राम पटेल व अन्य लोगों की पिटाई करते हुए दस लोगों को मारने की बात कही। गांव वालों पर खेती किसानी करने से भी रोक लगा दी तो डरे सहमे गांव वालों को मजबूरी में शहर आना पड़ा। सोमवार को इस इलाके के दर्जनों ग्रामीण कलेक्टर के पास पहुंचे और गांव में सीआरपीएफ कैंप खोलने की मांग की। 

जानकारी के मुताबिक कलेक्टर को सौंपे गए पत्र में इलाके के तीन गांवों के लोगों ने कहा कि नक्सली अक्सर गांव में आते हैं, मारपीट करते हैं। हम इसकी जानकारी कोलेंग सीआरपीएफ कैंप को भी देते हैं, लेकिन कोलेंग कैंप का डर नक्सलियों में नहीं है। पोटाली, बुरगुम, नीलावाया तक पहुंचने वाली एक मात्र सड़क को भी नक्सलियों ने तीन स्थानों पर काट दिया है। पुलिया को तोड़ दिया है। नक्सलियों द्वारा किए गए इस काम के चलते इन गांवों तक चार पहिया वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाएगी।