May 21, 2019
अखिल मानिकपुरी- बिलाईगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिरदा के पूर्व सरपंच के लापरवाही के चलते लाखों करोड़ों रुपये के भवन अधूरा पड़ा है। शासन प्रशासन के अधिकारी 4-5 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं दे रहे हैं ध्यान।
बिलाईगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पिरदा में पूर्व सरपंच के कार्यकाल खत्म उपरांत भी स्वीकृति कार्य आज तक पूर्ण नहीं न हो सका और न ही इस अधूरे कार्य के जिम्मेदार अधिकारी इसका जवाब मांगे हैं। पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी भवन, पशु औषधालय भवन, मुक्ति धाम जैसे अनेक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। शासन द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जाती है, लेकिन सरपंच व प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते जमीनी रूप में योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाता।
सरपंच श्रीमती मालती बाई साहू एवं उनके पति धरम लाल साहू ने छोड़ा अधूरा काम
जानकारी अनुसार, ग्राम पंचायत पिरदा में पांच वर्ष पूर्व लाखों करोड़ों रुपए की लागत से सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी भवन, पशु औषधालय भवन, मुक्ति धाम जैसे निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई थी, लेकिन सरपंच श्रीमती मालती बाई साहू एवं उनके पति धरम लाल साहू के द्वारा महज कुछ माह तक कार्य करने के बाद इसे अधूरा छोड़ दिया गया। जबकि इस पंचायत के निर्माण किए जाने के दौरान शुरू हुए अन्य पंचायत के भवन बनकर तैयार हो चुके हैं। ऐसे भवनों का लोकार्पण कर उनमें कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
भवन निर्माण के लिए आये लाखों रुपयों का सरपंच द्वारा हुआ दुरुपयोग
ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में रहे सरपंच श्रीमती मालती बाई और उनके पति धरम लाल साहू द्वारा ग्राम पंचायत पिरदा में लाखों करोड़ों रुपये भवन निर्माण के लिए आये थे। जिसमें सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी भवन, पशु औषधालय भवन, मुक्ति धाम जैसे अनेक भवन बनवाना था, लेकिन अभी तक कोई भवन नहीं बना है। सभी भवन अधूरा पड़ा हुआ हैं और सभी भवन के लिए आये लाखों करोड़ों रूपये निकाल कर उसी रुपयों से जेसीबी मशीन, टैक्टर और नगर पंचायत भटगांव, जमनार, धराशिव जैसे अनेक जगह पर 10 एकड़ भूमि लाखों रुपयों की जमीन ख़रीदकर अपने परिजन के नाम किया है। वहीं लाखों रुपये का आलीशान मकान बना कर रह रहे हैं। सभी भवन निर्माण के लिए आये लाखों रुपयों का दुरुपयोग किया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि 13 वे वित्त एवं मूलभूत के लिए आये रुपयों का कोई कार्य नहीं किया है। यहां तक कि गरीब परिवार के लिए आये इंदिरा आवास के सभी हितग्राहियों से 10-10 हजार रुपये की वसूली की गई थी और बिना आवास के निर्माण किये पुराने मकान के फोटो खींचकर राशि का गबन किया है। यहाँ तक कि गरीब तबके के लिए आये पेंशन को भी डकार गए। कई बार अधिकारियों को शिकायत भेजी गई, मगर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।