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जवानों को गुमराह कर एंबुष में फंसाने की नक्सलियों की नई रणनीति, पेड़ों के पीछे लगाये डमी पुतले

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Nov 30, 2018

शिवा यादव : सुकमा में पुलिस और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने नक्सली नई-नई तरीके एख्तियार कर रहे हैें। खेत-खलिहानों व पगडंडियों में आईईडी और बूबी टेªप जैेसे कई तकनीकों का इस्तेमाल करते आये हैं। जिसमें सुरक्षाबल के जवान ही नहीं बल्कि ग्रामीण भी इसका षिकार हो रहे हैं। इस बार नक्सलियों ने नई रणनीति के तहत जवानों को गुमराह कर एंबुष में फंसाने की योजना बनाई थी। हालांकि सीआरपीएफ के जवानों की सूझबूझ ने बड़ी घटना घटने से पहले इसे ढूंड निकाला। मामला चिंतागुफा और तेमेलवाडा के जंगल हैं जहां जवानों की पार्टी एरिया डाॅमिनेषन पर निकली थी। 

आॅपरेषन प्रहार के बाद नक्सलियों की बौखलाहट एक बार फिर सामने आई हैे। चिंतागुफा थाना क्षेत्र के तेमलवाड़ के जंगल में सीआरपीएफ 150 बटालियन की टीम गुरूवार को एरिया डाॅमिनेषन पर निकली थी। इस दौरान नक्सलियों ने जंगल में सौ मीटर के दायरे में जवानों को भ्रमित करने जगह-जगह इंसान की तरह दिखने वाले पुतले लगा रखे थे। नक्सलियों ने बकायदा पुतलों को ग्रामीण वेषभुषा पहनाकर पेड़ों के पीछे छिपा रखा था। जंगल में दूर से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि नक्सली पेड़ों के पीछे हथियार लिये हुए मोर्चा संभाले हुए हैं। सुरक्षाबलों को एकबारगी लगा कि जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी हैे। जवानों ने भी मोर्चा संभाला लेकिन काफी देर तक जंगल से किसी तरह की फायरिंग और हलचल नहीं होने पर जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर करीब पहुंचे तो ग्रामीणों की वेषभुषा में पुतले मिले। 

पुतलों के निचे दबा रखा था आईईडी
नक्सलियों ने सौ मीटर के दायरे में चार डमी पुतले लगा रखे थे। पहले दो पुतले जवानों को गुमराह करने के लिए थे वहीं जब तीसरे पुतला के पास पहुंचे तो पुतले के निचे नक्सलियोें ने आईईडी लगा रखा था। सीआरपीएफ 150 वाहिनी की बीडीएस टीम ने मौके से 7 किलो का आईईडी बरामद किया। जिसे सुरक्षित ढंग से मौके पर ही निष्क्रिय कर दिया। 

जवानों को गुमराह कर एंबुष में फसाने की थी साजिश
सीआरपीएफ 150वीं वाहिनी के कमाण्डेंट धर्मेन्द्र सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि नक्सली नई रणनीति के तहत जवानों को एंबुष में फसाना चाहते थे। गुरूवार को तेमलवाड़ा के जंगल में पार्टी डीमाईनिंग और सर्चिंंग पर निकली थी। जवानों की सूझबूझ ने एक बड़ी घटना टाल दिया है। नक्सली हमेषा छल और धोखे की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। क्षेत्र में चलाये जो रहे नक्सल विरोधी अभियान ने नक्सलियों का दायरा कम कर दिया है। उनके पास अब छिपने का ठिकाना नहीं रहा इसलिए इस तरह के कायराना हरकत कर जवानोें का नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।