Feb 5, 2019
आशुतोष तिवारी - बस्तर जिले के उपस्वास्थ केन्द्रों मे प्रसव के बाद अब नवजात शिशु के ईलाज के लिए पालको को भटकने की जरूरत नही होगी स्वास्थ विभाग ने जिले के 242 उपस्वास्थ केन्द्रो मे न्यू बोर्न केयर युनिट लगाने की कवायद शुरू कर दी है दरअसल प्रसव के बाद नवजात शिशुओं को होने वाले संक्रमण से बचाने के लिए सुविधा नही होने से ईलाज के अभाव लगातार ग्रामीण अंचलो मे नवजात शिशुओं के मौत के आंकडे बढते जा रहे थे जिसे देखते हुए स्वास्थ विभाग सभी उपस्वास्थ केन्द्रो मे न्यू बोर्न केयर युनिट लगाने की कवायद शुरू कर दी है। जिससे कि शिशुओं को समय पर ईलाज मिल सके।
व्यवस्था न होने के कारण 49 फीसदी शिशुओं की मौत
स्वास्थ विभाग के अधिकारी ने बताया कि बस्तर जिले ग्रामीण क्षेत्रो मे मौजुद उपस्वास्थ केन्द्रो मे नवजात शिशुओं के उपचार के लिए जरूरी व्यवस्था नही होने के कारण 49 फीसदी शिशुओं की मौत हो रही है क्योंकि एक महीने तक शिशु को संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है, देखभाल मे थोडी सी भी लापरवाही जानलेवा साबित होती है एसी स्थिति मे बीमार हुए बच्चो को ज्यादा सर्तकता के साथ ईलाज की जरूरत होती है और ईलाजे के अभाव मे कई शिशुओ की मौत हो जाती है लगातार बढ रहे इन मौतो को रोकने के लिए न्यू बोर्न केयर युनिट की व्यवस्था की गई है और यह युनिट जिले के 242 उपस्वास्थ केन्द्रो मे लगाया जा रहा है इसके साथ ही इस युनिट को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए विभाग द्वारा एएनएम और स्टाफ नर्स के अलावा डॉक्टरो को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मिल सकेगा बहतर इलाज
जिले के स्वास्थ अधिकारी का मानना है कि उपस्वास्थ केन्द्रो मे यह युनिट लग जाने से नवजात के बीमार होने पर बेहतर ईलाज मिल सकेगा और बडे अस्पताल भी नही जाना पडेगा गौरतलब है कि प्रसव के बाद नवजात शिशुओं मे बर्थ एक्सेसेफिया जन्म के बाद सांस नही ले पाना, हाईपोग्लासेमिया - शरीर मे ग्लूकोस की कमी, सक्रमंण - जन्म लेने के बाद बच्चे का संक्रमित होना और हाइपोथर्मिया - जन्म के बाद बच्चे को ठंड लग जाना जैसे बीमारियो का खतरा बने रहता है। ऐसे मे यह युनिट इन बीमारियो को रोक पाने मे कितना कारगर साबित होता है यह देखने वाली बात होगी।