Nov 16, 2016
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन मंगलवार हंगामे के साथ ही शुरु हुआ था। आज भी 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने का प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में जमकर विरोध किया। जवाब में सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी नारेबाजी की। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पांच बार स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेसी काम रोक कर तत्काल चर्चा की मांग कर रहे थे। उन्होंने स्थगन प्रस्ताव दिया।
अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने नियमों का हवाला देते हुए इसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इसी विषय पर सरकार की तरफ से भी प्रस्ताव आया है, जिस पर चर्चा की जानी है। विपक्ष चाहे तो उस चर्चा में अपनी बात रख सकता है। आसंदी की बात सुनते ही कांग्रेसी नारोबाजी करने लगे। शोरशराबे के बीच ही भाड़ा नियंत्रण संशोधन सहित कुछ अन्य जरूरी विधेयक का पारित किए गए।
शीतकालीन सत्र के पहले दिन नोटबंदी का मुद्दा हावी रहा। कांग्रेस के ज्यादातर विधायक कुर्ते की खाली जेब बाहर निकाल कर मंगलवार को विधानसभा पहुंचे थे। विधानसभा की लॉबी में भी इसी पर बात होती रही। सुबह 11 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, इससे पहले कि अध्यक्ष प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा करते, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि नोटबंद किए जाने के कारण रायगढ़ में एक किसान को आत्महत्या करनी पड़ी। पूरे राज्य में लोग परेशान हैं, इसलिए सदन के बाकी सभी काम छोड़कर इस पर तत्काल चर्चा कराई जानी चाहिए।
बघेल के समर्थन में बाकी विधायक खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। इसके जवाब में भाजपा विधायक भी नारे लगाने लगे। अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बाद भी कांग्रेसी तत्काल चर्चा की मांग पर अड़े रहे और नारेबाजी करते रहे। इसी वजह से सदन की कार्यवाही पहली बार 10 मिनट के लिए स्थगित की गई। इस दौरान मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने भी विपक्ष के इस प्रस्ताव का विरोध किया।
कार्यवाही दूसरी बार शुरू हुई, लेकिन विपक्ष के रुख में कोई बदलाव नहीं था। सदन में दोनों तरफ से नारेबाजी और शोर जारी रहा। इससे अध्यक्ष ने कार्यवाही फिर स्थगित कर दी। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो अध्यक्ष ने व्यवस्था दी। उन्होंने कहा कि चूंकि यह फैसला केन्द्र सरकार ने लागू किया है। ऐसे नियमानुसार इस पर इस सदन में चर्चा नहीं हो सकती, इसलिए विपक्ष का इस मामले में लाया गया स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार किया जाता है।
उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से लाए गए प्रस्ताव पर जब चर्चा होगी तो सभी को बोलने का मौका दिया जाएगा। विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ और फिर से हंगामा शुरू हो गया। अध्यक्ष ने कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू हुई, तब भी विपक्ष का रूख वैसा ही बना रहा। इसे देखते हुए करीब साढ़े चार बजे सदन बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।