May 20, 2019
मनोज यादव- जिला अस्पताल में एक कैदी के खुले तौर पर घूमने का अनूठा नजारा देखने में आया है। हत्या के आरोप में निरुद्ध कैदी जिला अस्पताल में बिना हथकड़ी के घूमते रहा। उसके साथ ड्यूटी में तैनात आरक्षक भी अपनी टोपी और हथकड़ी को बेड पर ही छोड़कर टहलते हुए देखे गये। इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो दोनों सफाई देते नजर आए। नजारा कुछ यूं था कि जिला अस्पताल का बेड खाली पड़ा था और उसके बिस्तर पर एक तरफ हथकड़ी खुली हुई पड़ी थी और दूसरी तरफ पुलिस वाले की टोपी पड़ी नजर आई। स्वभाविक तौर पर जिज्ञासा होती है कि जिला अस्पताल के बेड में टोपी और हथकड़ी किसकी है। जब हमारी टीम ने इसकी पड़ताल की तो मामला जल्दी ही सामने आ गया।
जेल प्रहरी का कहना कि कैदी काफी मरियल है, ऐसे में वो कहां भागेगा
दरअसल गहनिया निवासी बंधु राम डेढ़ साल से हत्या के एक मामले में निरुद्ध कैदी है। उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे जिला चिकित्सालय लाया गया। जब उसे पानी की जरूरत हुई तो ड्यूटी पर तैनात जेल के प्रहरी ने उसकी हथकड़ी खोल दी और उसे जाने दिया। अब इस जेल प्रहरी का कहना है कि कैदी काफी मरियल है, ऐसे में वो कहां भागेगा। प्रहरी के दिमाग पर तरस आता है। महोदय भागने की बजाय यदि वह अस्पताल की छत से कूद जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
इस तरह की लापरवाही से अनेक ऐसे परिणाम भी सामने आए हैं, जब पुलिस को फरार कैदी की तलाश में लकीर पीटना पड़ा था। कभी हवालात से तो कभी पेशी के दौरान आरक्षक की लापरवाही से अनेक कैदी भाग चुके हैं। ऐसे में हत्या जैसे मामले का आरोपी कुछ भी कर सकता है। आपने सुना भी होगा कि यह आरोपी अपने आप को बेगुनाह बता रहा है इसके बावजूद वह डेढ़ साल से जेल में है। ऐसे में छूट का फायदा उठाकर वह डिप्रेशन या शारीरिक कमजोरी के चलते प्राणघातक कदम उठा ले तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी।