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महासमुंद में बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, खेतों में पानी भरने से फसल खराब, किसानों को मुआवजे की आस

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Oct 23, 2019

रेखराज साहू : महासमुंद जिले में रूक-रूक कर हुए तीन दिनों तक की बारिश ने किसानों की चिंता बढा दी है। धान की फसल बारिश के कारण खेतों में गिर गयी है। खेत में पानी भर जाने के कारण पूरी फसल जलमग्न हो गई है। जिन किसानों ने फसल काट ली थी उनकी फसल खेत में रखे ही पूरी तरह पानी में भींग जाने के कारण उनकी बालिया झड गई हैं। किसान इस परिस्थिति में जहां शासन-प्रशासन से मुआवजे की उम्मीद लगाये हुये हैं,वहीं कृषि विभाग के आला अधिकारी कुछ नुकसान होना स्वीकार करते हुए क्षति का आकंलन करवाने कर बात कह रहे है।

बेमौसम बारिश
नवम्बर माह से शुरू होने वाले समर्थन मूल्य में धान खरीदी को लेकर किसानों के उत्साह को बेमौसम हो रही बारिश का नजर लगते जा रहा है। महासमुंद जिले में बीते कुछ दिनों में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। महासमुंद जिले में इस साल 2 लाख 40 हजार 410 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गयी है। बीते 19 अक्टूबर को 21 मिमी , 20 अक्टूबर को दशमलव 9 मिमी, 21 अक्टूबर को 10 मिमी औसत वर्षा ने किसानों की फसल काफी बर्बाद कर दी है। जिससे किसान काफी चिंतित है। धान की फसल बारिश के कारण खेतो में गिर गयी है। खेत में पानी भर जाने के कारण पूरी फसल जलमग्न हो गई है। जिन किसानों ने फसल काट ली थी उनकी फसल खेत में रखे ही पूरी तरह पानी में भींग जाने के कारण बालिया झड गई है। जिससे किसान को चिंता सता रही है कि पानी में भींग जाने के कारण फसल बर्बाद तो हो रहा है साथ ही भींग जाने के कारण उत्पादन में भी कहीं न कहीं कमी आ जायेगी। किसान अब शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे है।

महासमुंद जिले की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर
इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के आला अधिकारी कुछ नुकसान होना स्वीकार करते हुए क्षति का आकंलन करवाने कर बात कह रहे है तो जिले के कलेक्टर ने भी मौसम की इस बेरूखी को देखते हुए जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को नुकसान का आंकलन करने का निर्देश जारी कर दिया है। गौरतलब है कि महासमुंद जिले की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। उसके बावजूद अन्नदाताओ की फसल कभी बारिश की कमी तो कभी अधिक बारिश के कारण बर्बाद हो रही है। बहरहाल देखना होगा कि शासन-प्रशासन किसानों की क्या मदद करती है।